साल 2018 में राजपाल यादव को फिल्म 'अता पता लापता' को प्रोड्यूस करने के लिए 5 करोड़ रुपये का लोन ना चुका पाने की वजह से तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी. राजपाल यादव ने साल 2010 में ये लोन लिया था. इस पर खुल कर बात करते हुए एक्टर ने कहा कि उन्होंने पहले कभी इस घटना के बारे में पब्लिक प्लैटफॉर्म पर बात नहीं की और खुलासा किया कि जेल से रिहा होने के बाद जेल के एक सीनियर अधिकारी पर उनका पॉजिटिव असर पड़ा जो उनके रवैये से काफी इंस्पायर्ड थे. राजपाल ने कहा कि जेल में रहने के दौरान उन्होंने साथी कैदियों के लिए वर्कशॉप भी की थीं.
सिद्धार्थ कन्नन के साथ एक इंटरव्यू में राजपाल ने कहा कि वह अपमान को सहजता से लेते हैं और उन पर शक न करने के लिए वे फिल्म इंडस्ट्री के प्रति आभारी हैं. उन्होंने कहा, "अगर मैं कनफ्यूज होता तो लोग मुझे जज कर लेते. मुझे पता था कि मैं 100 गुना ज्यादा मजबूत और बेहतर बनकर उभरूंगा क्योंकि मैं एक फीनिक्स के रूप में अपने जीवन के बुरे दौर से बाहर आया हूं."
राजपाल यादव ने आगे कहा, 'तीन महीने बाद जब मैं वहां (जेल) से निकल रहा था तो जेल अधीक्षक और स्टाफ ने मुझे एक के बजाय दो सर्टिफिकेट दिए. उन्होंने कहा, 'यह जगह बहुत ऐतिहासिक है और मैंने अपनी पूरी जिंदगी में आप जैसा कोई नहीं देखा. हमें आपसे प्रेरणा मिली. हमने सोचा था कि हम हर दिन आपकी शिकायतें सुनेंगे लेकिन इन तीन महीनों में आपने इन दीवारों में जान डाल दी."
राजपाल ने यह भी शेयर किया कि उन्होंने जेल के अंदर उन लोगों के लिए वर्कशॉप कीं जिन्हें एक्टिंग में दिलचस्पी थी. कुछ लोग ऐसे थे जिन्हें लाइफ में किसी भी चीज में कोई दिलचस्पी नहीं थी. “मैंने सभी कैदियों को इकट्ठा किया. इजाजत ली और वर्कशॉप कीं. वर्कशॉप के दूसरे दिन वे लोग मुस्कुरा रहे थे जिन्हें घूमने जाने या जीवन में कुछ करने की भी इच्छा नहीं थी. जिन लोगों के जीवन में कोई दिशा नहीं थी उन्होंने एक्टिंग करना शुरू कर दिया.”
वर्कफ्रंट पर बात करें तो हाल में वो 'ड्रीम गर्ल-2' में नजर आए थे. आगे वह कॉमेडी-ड्रामा 'वेलकम टू द जंगल' में नजर आने वाले हैं.