70s के सुपरस्टार राजेश खन्ना और ग्लैमरस एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया की लव-स्टोरी जितनी फेयरीटेल जैसी लगती थी, उतनी ही कॉम्प्लिकेटेड भी थी. दोनों ने 1973 में शादी की, उस वक्त डिंपल महज़ 16 साल की थीं और राजेश 32 के. शादी के बाद डिंपल का फिल्मी करियर अचानक रुक गया, क्योंकि राजेश नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी फिल्मों में काम करे. जर्नलिस्ट पूजा सामंत ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि राजेश खन्ना की सोच पूरी तरह पारंपरिक थी. वो मानते थे कि शादी का मतलब है – पति कमाए और पत्नी घर की देखभाल करे. राजेश ने शादी के वक्त डिंपल को यह साफ कह दिया था कि उनका करियर अब यहीं खत्म होगा और उनकी पहली प्राथमिकता घर और उनकी फैमिली होगी. उस दौर में यह सोच आम भी थी, क्योंकि सुपरस्टार पति होने के नाते राजेश को पैसों की कमी नहीं थी. उन्हें लगता था कि एक कामकाजी पत्नी उनकी शोहरत और फैमिली लाइफ के संतुलन को बिगाड़ सकती है.
डिंपल का जवाब-मुझे काम करना है
लेकिन डिंपल कपाड़िया अलग ख्वाब देखती थीं. वह जानती थीं कि उनकी एक्टिंग में दम है और वह सिर्फ एक स्टार पत्नी बनकर नहीं रह सकतीं. फिल्मों में काम करना उनके लिए सिर्फ एक पेशा नहीं बल्कि जुनून था. यही वजह थी कि जब राजेश उन्हें घर तक सीमित करना चाहते थे, तो डिंपल ने इस सोच को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. उनकी चाहत और राजेश की शर्तों के बीच की खाई इतनी गहरी हो गई कि रिश्ता धीरे-धीरे टूटने की कगार पर आ गया.
साथ रहते हुए भी अलग
भले ही राजेश और डिंपल ने कभी ऑफिशियली तलाक नहीं लिया, लेकिन 1984 तक दोनों का अलगाव साफ दिखने लगा था. तब तक डिंपल दो बेटियों ट्विंकल और रिंकी की मां बन चुकी थीं. हालांकि इस मुश्किल दौर के बाद उन्होंने खुद को संभाला और फिल्मों में शानदार वापसी की. 1985 में आई सागर ने डिंपल की दूसरी पारी की शुरुआत की और एक बार फिर उन्होंने सबको अपनी एक्टिंग का दीवाना बना दिया. इसके बाद रुड़ाली और लेकिन जैसी फिल्मों में उनके दमदार रोल ने साबित कर दिया कि वह वाकई बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक थीं.
स्टारडम और स्ट्रगल की कहानी
राजेश खन्ना अपने जमाने के सबसे बड़े सुपरस्टार थे, जिन्हें आज भी 'काका' कहकर याद किया जाता है. उनकी दीवानगी इतनी थी कि उनके घर के बाहर लड़कियों की भीड़ लगी रहती थी. दूसरी तरफ, डिंपल कपाड़िया ने अपनी मेहनत से खुद को फिर से साबित किया और एक मजबूत पहचान बनाई. दोनों की शादी और फिर अलगाव की कहानी इस बात का सबूत है कि जब ख्वाहिशें और सोच मेल न खाएं, तो कितना भी बड़ा स्टारडम और ग्लैमर क्यों न हो, रिश्ते को टूटने से रोका नहीं जा सकता.