जब हम बॉलीवुड सितारों के फेमस घरों के बारे में सोचते हैं, तो शाहरुख खान का मन्नत, सलमान खान का गैलेक्सी अपार्टमेंट और अमिताभ बच्चन का जलसा जैसी जगहें दिमाग में आती हैं. ये जगहें मुंबई में लैंडमार्क हैं, लगभग टूरिस्ट प्लेस हैं. हालांकि, इनमें से किसी भी अभिनेता के सुपरस्टार बनने से कई साल पहले, एक आदमी ने बॉलीवुड पर राज किया और वो हैं राजेश खन्ना. उनका खूबसूरत आशीर्वाद बंगला - मन्नत या जलसा जितना ही एक लैंडमार्क था. लेकिन अपने परेशान इतिहास की वजह से आशीर्वाद को 'शापित' भूत बंगला के रूप में जाना जाने लगा, एक ऐसा टैग जिससे यह कभी छुटकारा नहीं पा सका.
क्यों आशीर्वाद को कहा गया श्रापित
आशीर्वाद का इतिहास उस समय का है जब मुंबई (तब बॉम्बे) इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का केंद्र नहीं बना था. अरब सागर के किनारे कार्टर रोड पर स्थित इस बंगले का मालिक एक एंग्लो-इंडियन परिवार था. इस घर के पहले सेलिब्रिटी मालिक भारत भूषण थे, जो 1950 के दशक की शुरुआत में हिंदी फिल्मों के स्टार थे. भारत भूषण ने बैजू बावरा, मिर्जा गालिब, गेटवे ऑफ इंडिया और बरसात की रात जैसी हिट फिल्में दीं, जिससे वे राज कपूर और दिलीप कुमार जैसे सुपरस्टार्स के कॉम्पिटिटर बन गए. हालांकि, इस बंगले में रहने के कुछ साल बाद, उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं. दशक के अंत तक, भारत भूषण कर्ज में डूब गए और उनका स्टारडम खत्म हो गया. उन्होंने बंगला बेच दिया और ये टूटा-फूटा हो गया. जर्जर उपस्थिति और इसके मालिक के अचानक पतन के बाद इस बंगले को श्रापित कहा जाने लगा.
बन गया भूत बंगला
1960 के दशक में, उभरते हुए स्टार राजेंद्र कुमार को कार्टर रोड पर स्थित इस भूत बंगले के बारे में पता चला. यह देखते हुए कि यह ऐसी जगह पर सस्ते में मिल रहे थे. राजेंद्र कुमार ने इसे खरीद लिया और अपनी बेटी - डिंपल के नाम पर इसका नाम रख दिया. दोस्त मनोज कुमार की सलाह पर, उन्होंने घर के कथित अभिशाप को दूर करने के लिए यहां पूजा करवाई. भारत भूषण की तरह, राजेंद्र कुमार ने भी घर में रहने के बाद पहली बार सफलता का स्वाद चखा. लेकिन 1968-69 तक, वे फाइनेंशियली परेशान होने लगे क्योंकि उनकी फिल्में असफल रहीं और बाकी चीजें भी फेल होने लगीं.
राजेश खन्ना को भी नहीं फला घर
राजेश खन्ना ने 70 के दशक की शुरुआत में राजेंद्र कुमार से यह घर खरीदा था, जब वे 17 हिट फिल्मों के अपने सुनहरे दौर में थे. वे असली सुपरस्टार थे और ऐसा लगता था कि उनका राज कभी खत्म नहीं होगा. लेकिन 1975 तक राजेश खन्ना की फिल्में फ्लॉप होने लगी थीं, जबकि अमिताभ बच्चन की पॉपुलैरिटी बढ़ती जा रही थी. उनकी पर्सनल लाइफ भी तब खराब हो गई जब उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया उनसे अलग हो गईं और अपने बच्चों के साथ घर छोड़कर चली गईं. मगर राजेश खन्ना अपनी आखिरी सांस तक उसी बंगले में रहे थे.