इस डायरेक्टर के साथ जिसने किया काम उसको लगा ये शॉर्ट टर्म श्राप, क्या है ये चक्कर जो ब्लॉकबस्टर देने के दिन बाद ठप हो जाता है हीरो का काम

साउथ के इस डायरेक्टर की आखिरी रिलीज फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 1300 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. लेकिन जो भी हीरो इसके साथ काम करता है, उसकी अगली फिल्म का कुछ ऐसा होता है हश्र.

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नई दिल्ली:

आरआरआर, बाहुबली, मक्खी और मगाधीरा जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर एस.एस. राजामौली के साथ कौन काम नहीं करना चाहता. उनकी आखिरी रिलीज फिल्म आरआरआर ने बॉक्स ऑफिस पर 1300 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. ऑस्कर भी जीता अब ऐसे में हर एक्टर का ख्वाब होता है कि वो विश्व प्रसिद्ध डायरेक्टर की फिल्म में काम करे. लेकिन आप जानते हैं राजामौली से जुड़ी एक ऐसी बात है जो उनकी ब्लॉकबस्टर छवि के एकदम विपरीत है. ये बात है उनकी फिल्म में हीरो के तौर काम करने के बाद उस एक्टर की उसके बाद आने वाली फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर कामयाब ना होना. बिल्कुल उसी तरह जिस तरह सलमान खान के साथ डेब्यू करने वाली एक्ट्रेसेस का करियर परवान नहीं चढ़ पाता. उसी तरह राजामौली के साथ काम करने के बाद उस सितारे की अगली कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर चूक जाती हैं. आइए एक नजर डालते हैं कौन हैं वो एक्टर जिनके साथ हुआ है ऐसा...

प्रभास 

2005 में राजामौली ने प्रभास को अपनी फिल्म छत्रपति के लिए चुना. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया और प्रभास को सुपरस्टार बना डाला. लेकिन इसके तुरंत बाद उनकी अगली फिल्म पुरनामी रिलीज हुई जिसे प्रभु देवा ने डायरेक्ट किया था, वो फ्लॉप रही. फिर प्रभास ने राजामौली के साथ बाहुबली के दो पार्ट दिए जिन्होंने दुनिया भर में 2500 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया. इसके बाद आई साहो एवरेज फिल्म साबित हुई. जबकि राधे श्याम और आदिपुरुष का तो बॉक्स ऑफिस पर बुरा हश्र हुआ. 

रवि तेजा

साउथ सुपरस्टार रवि तेजा की विक्रमार्कुदु 2006 में रिलीज हुई थी. राजामौली ने फिल्म बनाई थी और ये ब्लॉकबस्टर हिट रही थी. इस पर बॉलीवुड में राउडी राठौर फिल्म भी बनी. लेकिन इसके बाद आई रवि तेजा की फिल्म खतरनाक फ्लॉप रही. 

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राम चरण

अब आरआरआर एक्टर राम चरण की बात करते हैं. 2009 में उनकी फिल्म मगाधीरा आई थी. जिसने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा डाली थी. लेकिन इसके बाद रिलीज हुई ऑरेंज बुरी तरह फ्लॉप रही. फिर राम चरण की आरआरआर, राजामौली के साथ हिट रही. लेकिन उसके बाद आई आचार्य को देखने के लिए सिनेमाघरों तक दर्शक नहीं पहुंच पाए. 

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जूनियर एनटीआर

एस.एस. राजामौली ने 2001 में स्टूडेंट नंबर वन के साथ तेलुगू सिनेमा में डेब्यू किया. फिल्म में जूनियर एनटीआर लीड रोल में थे. फिल्म ब्लॉकबस्टर रही और कमाई के साथ खूब वाहवाही भी लूटी. जूनियर एनटीआर की लोकप्रियता सातवें आसमान पर थी और इसी बीच उनकी सुब्बू रिलीज हुई और बुरी तरह फ्लॉप रही. उसके बाद 2003 में जूनियर एनटीआर राजामौली की फिल्म सिम्हाद्री में नजर आए और ये भी ब्लॉकबस्टर हिट रही. इसके बाद 2004 में आई उनकी अंधर्वला फ्लॉप रही, जिसे पुरी जगन्नाथ ने डायरेक्ट किया था. ऐसे ही 2007 में आई राजामौली और जूनियर एनटीआर की फिल्म यमाडोंगा ब्लॉकबस्टर रही, जबकि इसके बाद आई कंत्री फ्लॉप रही. अब जूनियर एनटीआर की आरआरआर वो फिल्म है जिसे उन्होंने राजामौली के साथ किया है. फिल्म ब्लॉकबस्टर भी रही. लेकिन इसके बाद बाद अब देवरा रिलीज हो रही है. 

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बात अगर राजामौली की करें तो वे ऐसे निर्देशकों में हैं जो अपने काम में पूरी तरह डूब जाते हैं और उसे परफेक्शन से करते हैं, चाहे जितना समय लग जाए. वे अपने सितारों से उस लेवल की मेहनत करवाते हैं, जो हर किसी के बूते की बात नहीं. दर्शकों को बांधकर रख देने वाली कहानी चुनना, सितारों से मशक्कत करवाना, वीएफएक्स से लेकर हर फ्रेम पर गहराई से नजर रखना, म्यूजिक पर भी जी-जान लगा देना, और ऐसे में जब फिल्म आती है तो हिट हो जाती है. इस तरह राजामौली की फिल्म में किसी स्टार के काम करने के बाद दर्शकों की उस स्टार से उम्मीदें सातवें आसमान पर पहुंच जाती हैं और वो वैसा ही कुछ लार्जर दैन लाइफ चाहते हैं. लेकिन हर बार ऐसा संभव नहीं है.अब देखना यह है कि जूनियर एनटीआर देवरा के साथ इस असंभव को संभव कर पाते हैं...

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