बॉलीवुड में 80 -90 के दशक में बॉलीवुड में कई हीरोइनों ने एंट्री की और कईयों ने पहली ही फिल्म से फैंस के दिलों में जगह बना ली. कई हीरोइनों का सफर बॉलीवुड में लंबा रहा तो कईयों की करियर कुछ हिट फिल्मों में ही सिमट गया. हालांकि उनकी खूबसूरती और टैलेंट को काफी सराहा गया, लेकिन फिर भी वह गुमनाम हो गईं. 80 के दशक में ऐसी ही एक एक्ट्रेस थी दिव्या राणा. दिव्या और मंदाकिनी ने लगभग एक ही समय में इंडस्ट्री में कदम रखा. ये दोंनों हीरोइनें फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' में साथ नजर आईं थीं. लेकिन मंदाकिनी की मासूमियत और अदाओं को फैंस पर ऐसा जादू चला कि इस फिल्म में राजीव कपूर और दिव्या के बेहतरीन परफॉर्मेस के बाद भी उन्हें नोटिस नहीं किया गया. फिल्म की सफलता का श्रेय मंदाकिनी को गया.
इस फिल्म में एक्टर राजीव कपूर लीड रोल में थे और दिव्या के साथ उनकी ये दूसरी फिल्म थी. दिव्या की पहली फिल्म 'एक जान हैं हम' थी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म फ्लॉप हो गई थी. इसके बाद राजीव के पिता राज कपूर ने दोनों को लेकर 'राम तेरी गंगा मैली' बनाई. 'राम तेरी गंगा मैली' के हिट का फायदा भी दिव्या को नहीं मिला. बाद में वह 'वतन के रखवाले', 'एक ही मकसद', 'आसमां' और 'मां कसम' जैसी फिल्मों में दिखीं.
फिल्मों में कुछ खास नहीं कर पाईं, तब दिव्या राणा ने फिल्में छोड़ दीं... फिल्में छोड़ कर दिव्या राण ने शादी कर ली और आजकल वो मुंबई में ही रह रही हैं. उनके दो बच्चे हैं. उन्होंने अपना नाम बदलकर सलमा मनेकिया रख लिया है. इसी नाम से इंस्टाग्राम पर उनकी प्रोफाइल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक दिव्या मुंबई में ही एक फोटोग्राफर के तौर पर काम कर रही हैं. वह मूर्तिकार हैं और मिट्टी की मूर्तियां बनाती हैं. वहीं वह इंस्टा पर क्लोंदिंग ब्रांड को भी प्रमोट करती हैं.
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