अपनी रिलीज के 12 साल बाद, कल्ट रोमांटिक ड्रामा 'रांझणा' 1 अगस्त को सिनेमाघरों में वापसी कर रही है. लेकिन इस बार, इसकी री-रिलीज एक बड़े ट्विस्ट के साथ आ रही है. जैसा कि प्रमोशन पोस्टरों में बताया गया है, फिल्म में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड एक नया क्लाइमैक्स दिखाया गया है. हालांकि, इस फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है, क्योंकि निर्देशक और सह-निर्माता आनंद एल राय ने दावा किया है कि मूल कहानी में इतना बड़ा बदलाव करने से पहले, स्टूडियो, इरोस इंटरनेशनल ने उन्हें न तो सूचित किया और न ही उनसे सलाह ली.
इरोस पर भड़के आनंद
इस इंटरव्यू में आनंद एल राय ने कहा कि रांझणा को किसी नए क्लाइमेक्स की जरूरत नहीं थी. इसमें दिल और ईमानदारी थी. यह एक कल्ट फिल्म बन गई क्योंकि लोगों ने इसकी खामियों और अपूर्णताओं के साथ इसे स्वीकारा. बिना किसी चर्चा के इसके अंत को बदलते देखना न केवल फिल्म का, बल्कि उन फैंस के विश्वास का भी घोर उल्लंघन है, जिन्होंने 12 सालों तक इस फिल्म को अपने दिलों में संजोए रखा है.
इरोस के कदम एक खतरनाक दरवाजा खोलते हैं. वे जरूरी कानूनी और नैतिक सवाल उठाते हैं, जैसे कि इस तरह के फैसलों का रचनाकारों के नैतिक अधिकारों पर क्या असर पड़ता है. इससे भी बदतर है एक्टर्स के रोल को उनकी सहमति के बिना बदलने का उनका स्पष्ट फैसला. वे फिल्म रिलीज होने के लगभग एक दशक बाद किसी अभिनेता के योगदान को डिजिटल रूप से कैसे बदल सकते हैं? इससे उनकी स्वतंत्रता छिन जाती है, और पर्सनैलिटी और इमेज राइट्स के तहत गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं. अगर इस पर कोई सवाल नहीं उठाया जाता, तो किसी को भी किसी फिल्म, प्रदर्शन या विरासत को अल्पकालिक मुनाफाखोरी के लिए 'अपडेट' करने से कौन रोक सकता है?
उन्होंने आगे कहा कि, मुझे इस बात का दुख है कि हम इसी भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, जहां इरादे और लेखकत्व (authorship) दोनों ही बेकार हैं. मैं बस इतना कर सकता हूं कि इस तरह के लापरवाह और निराशाजनक प्रयोग से खुद को अलग कर लूं.
ऐसा होगा क्लाइमैक्स
बता दें कि एआई-जेनरेटेड वर्जन कथित तौर पर धनुष के किरदार कुंदन को जीवित रखता है और फिल्म की सैड एंडिंग को बदलता है, जो कि उस इमोशनल क्लाइमेक्स से बिल्कुल अलग है जिसने मूल फिल्म को इतना यादगार बना दिया था.