माला सिन्हा (Mala Sinha) अपने समय की टॉप एक्ट्रसेस रही हैं. उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया. उन्होंने 40 सालों तक फिल्म इंडस्ट्री में काम किया. माला सिन्हा ने अपने समय में सभी बड़े एक्टर्स के साथ काम किया. 1957 में आई गुरु दत्त की इस फिल्म में माला सिन्हा, वहीदा रहमान, रहमान और जॉनी वॉकर नजर आए थे. उर्दू के कवि विजय (गुरु दत्त), गुलाबो (वहीदा रहमान) और उनकी पूर्व प्रेमिका मीना (माला सिन्हा) फिल्म के केंद्र में थे. विजय के रोल को गुरु दत्त ने किया था. फिल्म ने उस साल सबसे अधिक कमाई किया.
फिल्म में माला सिन्हा की मासूमियत और लुक को काफी पसंद किया गया था. माला सिन्हा का नाम हिंदी सिनेमा में 60 के दशक की बेहतरीन अभिनेत्रियों में शुमार था. माला ने ब्लैक एंड व्हाइट स्क्रीन से लेकर रंगीन पर्दे तक अपना जलवा बिखेरा था.
उन्होंने किशोर कुमार, राजेंद्र कुमार से लेकर धर्मेंद्र जैसे एक्टर्स के साथ कई हिट फिल्में दीं थीं. उनकी फिल्मों की शूटिंग से पहले सेब खाने की आदत सेट पर काफी मशहूर थी.
माला नेपाली-भारतीय हैं तथा उन्होने हिन्दी के अलावा बंगला और नेपाली फिल्मों में भी काम किया है. वे अपनी टैलेंट और ब्यूटी दोनों के लिये जानी जाती हैं. उन्होंने सौ से अधिक फिल्मों में काम किया, जिनमें प्यासा (1957), धूल का फूल (1959), अनपढ़, दिल तेरा दीवाना (दोनों 1962 में), गुमराह, बहुरानी, गहरा दाग़ (तीनों 1963 में), हिमालय की गोद में (1965) जैसी फिल्में हैं. ज्यादातर फिल्मों में वह धर्मेन्द्र, राज कुमार, राजेन्द्र कुमार, बिस्वजीत, किशोर कुमार, मनोज कुमार और राजेश खन्ना की हीरोइन रहीं.
बता दें कि माला सिन्हा का जन्म नेपाली परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम अल्बर्ट सिन्हा था और वह नेपाली ईसाई थे. माला सिन्हा ने 1966 में नेपाली अभिनेता चिदंबर प्रसाद लोहानी से शादी की. लोहानी बिजमेसमैन थे. शादी के बाद भी वह पति से दूर मुम्बई रह कर फिल्मों में काम करती रहीं. उनकी एक बेटी है प्रतिभा सिन्हा, जो 90 के दशक में कई बॉलीवुड फिल्मों में दिखीं. फिलहाल माला सिन्हा अपनी बेटी के साथ मुंबई रहही हैं.
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