18 अप्रैल को ओटीटी पर होगा खौफ का कोहराम,  इस हॉरर सीरीज के 8 एपिसोड देखें बिना कमरे से नहीं निकलेंगे बाहर

khauf trailer : सिनेमाघरों में 18 अप्रैल को अक्षय कुमार की केसरी चैप्टर 2 के अलावा ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर ओरिजिनल हॉरर सीरीज़ खौफ आने वाली है, जिसका दिल दहला देने वाला ट्रेलर रिलीज कर दिया है.

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अमेजन प्राइम वीडियो की सीरीज खौफ की आई पहली झलक
नई दिल्ली:

OTT प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो ने हिंदी ओरिजिनल सीरीज़ ख़ौफ़ का रोमांचक ट्रेलर लॉन्च कर दिया है. ख़ौफ़ को स्मिता सिंह द्वारा लिखा और बनाया गया है, और इसे संजय रौत्रे और सरिता पाटिल ने मैचबॉक्स शॉट्स के बैनर तले प्रोड्यूस किया है. आठ एपिसोड की सस्पेंस हॉरर ड्रामा सीरीज़ का निर्देशन पंकज कुमार और सूर्या बालाकृष्णन ने किया है. ख़ौफ़ मनोवैज्ञानिक डर और रोंगटे खड़े कर देने वाले सस्पेंस को बेहतरीन ढंग से मिलाकर, दर्शकों को एक डरावनी यात्रा पर ले जाता है, जहां हकीकत और भ्रम के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है और अज्ञात साए हर कोने में मंडराते हैं.

इस सीरीज़ में मोनिका पंवार, रजत कपूर, अभिषेक चौहान, गीतांजलि कुलकर्णी और शिल्पा शुक्ला जैसे बेहतरीन कलाकार नजर आएंगे. खौफ का प्रीमियर 18 अप्रैल को प्राइम  वीडियो पर भारत और 240 से अधिक देशों और क्षेत्रों में विशेष रूप से किया जाएगा.

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मुख्य भूमिका में मोनिका पंवार द्वारा निभाई गई यह सीरीज़ मधु की कहानी पर आधारित है, एक युवा महिला, जो अपने अतीत से छुटकारा पाने और नई शुरुआत की उम्मीद में बड़े शहर के एक सामान्य से दिखने वाले हॉस्टल में रहने आती है. लेकिन जैसे-जैसे ट्रेलर आगे बढ़ता है, यह साफ हो जाता है कि उस हॉस्टल की दीवारों के भीतर कोई रहस्यमय और डरावनी ताक़त छुपी हुई है, जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल हो जाता है. जो जगह पहले एक सुरक्षित आश्रय लगती थी, वहां का माहौल धीरे-धीरे डर और आशंका से भर जाता है, उसी मंज़िल पर रहने वाली महिलाएं मधु को वहां से चले जाने की चेतावनी देती हैं, हालांकि, वे खुद किसी अनजाने भय से बंधी हुई हैं और उस हॉस्टल की सीमा से बाहर जाने की हिम्मत नहीं कर पातीं.

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जैसे-जैसे मधु के अतीत के बुरे सपने हकीकत में बदलने लगते हैं, एक तांत्रिक की एंट्री होती है, जो वादा करता है कि वह उसे इस अंधेरे से छुटकारा दिलाएगा. ट्रेलर इस बात की झलक देता है कि कहानी में एक न थमने वाला मनोवैज्ञानिक और अलौकिक संघर्ष छुपा है, जहाँ ज़िंदा रहने की उम्मीद सिर्फ़ इसी पर टिकी है कि वे उस सच्चाई को उजागर कर सकें, इससे पहले कि वह अंधकार सबको निगल जाए.

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