प्राइम वीडियो ने ओरिजिनल ड्रामा सीरीज ग्राम चिकित्सालय (Gram Chikitsalay) की रिलीज डेट की घोषणा कर है, यह सीरीज 9 मई को ओटीटी प्लेटफॉर्म प्रीमियर होगी. अब इस तरह प्राइम वीडियो की वेब सीरीज पंचायत को टक्कर देने के लिए नई वेब सीरीज ग्राम चिकित्सालय आ गई है. द वायरल फीवर के बैनर तले बनी इस ओरिजिनल सीरीज को दीपक कुमार मिश्रा ने क्रिएट किया है, जबकि इसकी कहानी वैभव सुमन और श्रेया श्रीवास्तव ने लिखी है और निर्देशन राहुल पांडे ने किया है. पांच एपिसोड वाली यह सीरीज महत्वाकांक्षी शहरी डॉक्टर डॉक्टर प्रभात की यात्रा पर आधारित है, जो एक दूरदराज के गांव में लगभग बंद पड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र को फिर से शुरू करने के लिए उसे सरकारी तंत्र की अड़चनों, स्थानीय लोगों की शंकाओं और छोटे कस्बे की अनोखी परेशानियों से जूझना पड़ता है. ग्राम चिकित्सालय में अमोल पाराशर और विनय पाठक मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे, उनके साथ आकांक्षा रंजन कपूर, आनंदेश्वर द्विवेदी, आकाश मखीजा और गरिमा विक्रांत सिंह जैसे शानदार कलाकार भी अहम किरदार निभाते हुए दिखेंगे.
प्राइम वीडियो इंडिया के कंटेंट लाइसेंसिंग निदेशक मनीष मेंघानी ने कहा, 'प्राइम वीडियो में हमारा मिशन सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं है, हम भारत की समृद्ध विविधता को उन कहानियों के जरिए पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो न सिर्फ हमारे स्थानीय रंगों का जश्न मनाते हैं बल्कि वैश्विक दर्शकों से भी जुड़ती हैं. ग्राम चिकित्सालय इस दृष्टिकोण को पूरी तरह दर्शाता है. यह सीरीज कॉमेडी और सोशल कमेंटरी को बहुत ही कुशलता से पिरोती है, तथा ग्रामीण भारत के हृदय में एक आदर्शवादी युवा डॉक्टर की कहानी कहती है. यह यात्रा दर्शकों को एक ऐसे अनुभव से रूबरू कराती है जो विशुद्ध रूप से भारतीय होते हुए भी मानवीय भावनाओं से सार्वभौमिक रूप से जुड़ा है.'
द वायरल फीवर के अध्यक्ष विजय कोशी ने कहा, 'ग्राम चिकित्सालय के जरिए हम एक ऐसी कहानी पेश कर रहे हैं जो दिल को छूने वाली और प्रेरणादायक है, यह ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों और सफलताओं को एक ऐसे अंदाज़ में दिखाती है जो हास्यपूर्ण होने के साथ-साथ गहराई से जुड़ाव भी पैदा करता है. इस सीरीज की मूल भावना जज़्बे, आपसी जुड़ाव और हर मुश्किल के बावजूद बदलाव की कोशिश के बारे में है. डॉ. प्रभात की यात्रा के जरिए हम उस संघर्ष को दिखाते हैं जहां आदर्शवाद की टक्कर हकीकत से होती है. वह सिर्फ बीमारियों से नहीं लड़ रहा है; वह गहरी जड़ें जमाए हुए सिस्टम, पूर्वाग्रहों और यथास्थिति को चुनौती दे रहा है और इस पूरे सफर में खुद भी यह समझ रहा है कि बदलाव एक दोतरफा प्रक्रिया है.'