सायरा बानो 60 के दशक की सबसे मशहूर एक्ट्रेस थीं. उन्हीं की तरह उनकी मां नसीम बानो भी 40 के दशक की मशहूर अदाकारा थीं. उन्हें हिंदी सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार कहा जाता है. जब सायरा 3 साल की थीं तब उनके पिता बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए. बचपन से ही सायरा बानो के दो ही सपने थे. पहला सपना अपनी मां की तरह ब्यूटी क्वीन या सुपरस्टार कहलाना था और दूसरा सपना लीजेंड्री एक्टर दिलीप कुमार से शादी करना था. किस्मत देखिए कि उनके दोनों ही सपने सच हो गये. उनकी सक्सेस और करियर के लिए मां को अपने करियर का बलिदान देना पड़ा.
सायरा बानो का जन्म 23 अगस्त 1944 को मसूरी में एक्ट्रेस नसीम बानो और प्रोड्यूसर मियां-उल-हक के घर हुआ था. वैसे तो मियां-उल-हक एक आर्किटेक्ट थे...लेकिन नसीम से शादी के बाद उन्होंने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की और फिल्में बनाना शुरू कर दिया. सायरा सिर्फ 3 साल की थीं जब उनके पिता ने 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान को चुना. नसीम बानो ने मियां के साथ पाकिस्तान जाने से इंकार कर दिया और अपने बच्चों के साथ इंग्लैंड रहने चली गईं.
12 साल की उम्र में हो गया था दिलीप कुमार से प्यार
कुछ महीनों के बाद नसीम बानो अपने बच्चों के साथ भारत लौट आईं और फिल्मों में काम करने लगीं. सायरा बानो हमेशा से एक्ट्रेस बनने का सपना देखती थीं लेकिन उनकी मां इसके खिलाफ थीं. वह चाहती थीं कि सायरा वकील या डॉक्टर बनें. क्योंकि सायरा बानो पढ़ाई में अच्छी थीं. इसलिए उनकी मां ने उन्हें पढ़ाई के लिए लंदन भेज दिया. सायरा सिर्फ छुट्टियों में ही भारत आती थीं. एक बार 12 साल की सायरा बानो अपनी मां के साथ घर पर महबूब खान की फिल्म 'आन' देख रही थीं. फिल्म के हीरो थे दिलीप कुमार. फिल्म में सायरा को दिलीप कुमार का दमदार रोल इतना पसंद आया कि उन्होंने तुरंत अपनी मां के सामने जिद पकड़ ली कि वह दिलीप कुमार से ही शादी करेंगी. अपनी बेटी की मांग सुनकर नसीम बानो हंस पड़ीं लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह एक दिन दिलीप कुमार से शादी करेंगी.
सायरा जब भी छुट्टियों पर घर आती थीं तो प्रोड्यूसर्स उनके घर फिल्मों के ऑफर लेकर आते थे लेकिन नसीम बानो हमेशा उनकी गुजारिश ठुकरा देती थीं. 16 साल की उम्र में जब सायरा अपनी छुट्टियों के दौरान भारत आईं तो उन्हें शम्मी कपूर के साथ फिल्म जंगली का ऑफर मिला. तब भी नसीम बानो नहीं चाहती थीं कि सायरा फिल्मों में आएं लेकिन जब सायरा ने जिद की तो उन्होंने हामी भर दी.
उन्होंने अपनी पहली छुट्टियों के दौरान फिल्म की आधी शूटिंग की और फिर लंदन लौट आईं और अपनी दूसरी छुट्टियों के दौरान बाकी फिल्म पूरी की. सायरा की मां नसीम बानो जानती थीं कि अगर वह फिल्मों में आती रहेंगी तो लोग उनकी तुलना सायरा से करते रहेंगे इसलिए उन्होंने 1957 से हिंदी फिल्मों में काम करना बंद कर दिया.
1966 में की दिलीप साहब से शादी
सायरा बानो ने 22 साल की उम्र के अंतर के बावजूद 11 अक्टूबर 1966 को दिलीप कुमार से शादी की. सायरा ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया था, “मेरे लिए, वह हमेशा साब थे, कोई और नहीं. जब से मुझे याद है मैं उनकी फैन थी. टीनएज में ही मैं उसकी पत्नी बनना चाहती थी. मैं बहुत जिद्दी हूं और एक बार जब मैंने ठान लिया तो मुझे कोई नहीं रोक सकता. मुझे पता था कि कई खूबसूरत महिलाएं साब से शादी करना चाहती थीं, लेकिन उन्होंने मुझे चुना. यह मेरा सपना सच होने जैसा था और मेरी शादी भी एक आइडल ड्रीम रही है”