हिंदी सिनेमा में ऐसे कई साइड कलाकार आए, जो अपनी अमिट छाप छोड़ गए. इसमें एक नाम था डेविड अब्राहम चेउलकर का, जिनकी एक्टिंग के देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी कायल थे. डेविड अब्राहम चेउलकर हिंदी सिनेमा में डेविड के नाम से मशहूर थे. डेविड ने हिंदी सिनेमा में तरह-तरह के रोल किए हैं और खास बात यह है कि एक्टर ने अपने हर रोल से दर्शकों का दिल जीता था. डेविड की शानदार फिल्मों में 'खट्टा-मीठा' भी है, जोकि बेहद मजेदार फिल्म है. गौरतलब है कि डेविड के बचपन में ही उनके पिता का निधन हो गया था. डेविड का पालन-पोषण उनके बडे़ भाइयों ने किया था.
110 फिल्मों में किया काम
इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में 110 फिल्मों में काम कर चुके डेविड के पास लॉ की डिग्री थी. उनकी पढ़ाई मुंबई से हुई थी. डेविड हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषा के अच्छे जानकार थे. डेविड एक शानदार एंकर भी हुआ करते थे और उनकी एंकरिंग से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी बहुत इंप्रेस थे और वह उनसे मुलाकात भी कर चुके हैं. डेविड को बचपन से ही फिल्मों का शौक था. डेविड संग उनके घर में एक फ्रेंच महिला भी रहती थीं, जो घर में ही नाटक करती थीं. वहीं, डेविड भी इसमें घुलने-मिलने लगे थे. कहा जाता है कि डेविड के घरवाले नहीं चाहते थे कि वह फिल्मों में काम करें, लेकिन बाद में मान गए. वहीं, डेविड को फिल्म बूट पॉलिश (1954) से पॉपुलैरिटी मिली थी.
सिनेमा में योगदान के लिए मिला था पद्मश्री
डेविड ने बूट पॉलिश के अलावा, नया संसार, बातों बातों में, शहर, परदेसी और संसार में काम किया था. डेविड का शानदार काम देखना है तो अभिमान (1973), चुपके-चुपके (1975), सत्यम शिवम सुंदरम (1978), गोलमाल (1979) और खूबसूरत (1980) जैसी शानदार फिल्में जरूर देखें. भारत सरकार ने डेविड को फिल्मों में शानदार योगदान के लिए साल 1969 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा था. वहीं, 2 जनवरी 1982 को टोरंटो (कनाडा) में डेविड का 73 साल की उम्र हार्ट अटैक से निधन हो गया था. डेविड ने फिल्मों में चार दशक तक काम किया था.