पंचायत के बिनोद का कान फिल्म फेस्टिवल में जलवा, 10 मिनट तक तालियां बजाते रहे लोग, क्या थी वजह ?

अगर आप भी पंचायत के पॉपुलर कैरेक्टर बिनोद के फैन हैं तो ये खबर सुन आप यकीनन खुश हो जाएंगे. क्योंकि आपका बिनोद अब कान फिल्म फेस्टिवल पहुंच गया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
पंचायत के बिनोद पहुंचे कान फिल्म फेस्टिवल
नई दिल्ली:

Panchayat's Binod At Cannes: पॉपुलर वेब सीरीज पंचायत का बिनोद याद है? पंचायत से एक्टर अशोक पाठक कान फिल्म फेस्टिवल 2024 में पहुंच गए हैं. फिल्म फेस्टिवल में डायरेक्टर्स फोर्टनाइट के तहत एक्टर की फिल्म 'सिस्टर मिडनाइट' दिखाई गई. इतना ही नहीं राधिका आप्टे और अशोक पाठक स्टारर इस फिल्म को 10 मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन मिला था. मतलब हॉल में मौजूद सभी लोग 10 मिनट तक इस फिल्म के लिए तालियां बजाते रहे. फिल्म फेस्टिवल के वीडियो में एक्टर और फिल्म की टीम को फिल्म को मिले स्वागत से बेहद खुश होते दिखाया गया है. अशोक ने फ्रेंच रिवेरा से तस्वीरें भी शेयर कीं जिनमें वह ब्राउन कलर की शर्ट के साथ क्रीम रंग का सूट पहने नजर आ रहे हैं. 

क्या है सिस्टर मिडनाइट ?

करण कंधारी के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म एक ऐसी पत्नी के बारे में है जो झुग्गी बस्ती में शादीशुदा जिंदगी की चुनौतियों का सामना करती है. उत्पीड़न सहने के बाद उसका लक्ष्य बदला लेना है. अशोक पाठक ने राधिका के शराबी पति का रोल निभाया है. फिल्म कंपेनियन ने इस फिल्म के रिव्यू में लिखा है, “डायरेक्टर करण कंधारी और एडिटर नेपोलियन स्ट्रैटोगियानकिस इस कहानी में लय बनाते हैं जो उमा के बढ़ते गुस्से को प्रतिबिंबित करती है. खासतौर से फिल्म की शुरुआत में - कम कम डायलॉग के साथ जो एक फिल्म मेकर के रूप में करण की खासियत को दिखाता है. फिल्म जानबूझकर असंबद्ध है और यहां कुछ ऐसे पल हैं जो आपको जोर से हंसने पर मजबूर कर देंगे. यह एक साहसी, महत्वाकांक्षी फिल्म है जो अलग अलग तरह के संगीत और स्टॉप-मोशन एनीमेशन को पेश करती है.

पंचायत की सफलता पर अशोक पाठक

पिछले साल हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में अशोक ने कहा था कि 'पंचायत' और बिनोद के किरदार ने उनकी जिंदगी बदल दी. “मैं 2011 से इंडस्ट्री में हूं और कई अच्छे प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रहा हूं, जिनमें बिट्टू बॉस (2012), 102 नॉट आउट (2018) और सेक्रेड गेम्स शामिल हैं, लेकिन बिनोद ने जिंदगी बदल दी...सब पहचाने लगे. बहुत मोहब्बत मिल रही है और यही सबसे बड़ी दौलत है.'' 

उन्होंने अपने बैग्राउंड के बारे में भी बताया और बताया कि उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे. “मेरे पिता (राम नरेश पाठक) एक दिहाड़ी मजदूर थे, जो एक गांव में रहते थे. मैं पढ़ाई में कमजोर था. सिफारिश पर मुझे ग्रैजुएशन के लिए सीआरएम जाट कॉलेज में दाखिला मिल गया लेकिन इसने मेरी जिंदगी बदल दी. युवा महोत्सव में मैंने बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता और हम नेशनल लेवल पर भी जीते. मुझे (अभिनेता) आशुतोष राणा सर ने सम्मानित किया. मेरी फोटो हर जगह (अखबारों में) थी जो बहुत बड़ी बात थी और फिर परिवार ने कहा... 'कर भाई जो भी करना है'.'' 

Featured Video Of The Day
NDTV Yuva 2025: Rhea Chakraborty ने शेयर किए जेल में बिताए अपने अनुभव!