पत्नी ने लगाए आरोप तो पवन सिंह को मिला दोस्त का साथ, सारे मामले को बताया साजिश

पवन सिंह के दोस्त, सुभाष ने इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक साजिश से जोड़ते हुए कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि पवन सिंह की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को नुकसान पहुंचाया जा सके.

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पवन सिंह को मिला अपने दोस्त का सपोर्ट
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नई दिल्ली:

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के करीबी दोस्त सुभाष सिंह ने हाल ही में पवन के खिलाफ चल रहे विवाद में उनका पक्ष लेते हुए कहा कि यह पूरा मामला एक राजनीतिक साजिश है. उनका कहना है कि इस विवाद के पीछे कुछ लोग पवन सिंह की इमेज खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. सुभाष सिंह ने पवन के साथ अपने पारिवारिक रिश्ते और सालों पुरानी दोस्ती के बारे में भी बताया और कहा कि इस पूरे विवाद से उन्हें काफी दुख पहुंचा है. 

सुभाष ने कहा, "पवन सिंह की राजनीतिक, सार्वजनिक और पारिवारिक जिंदगी अच्छी तरह से चल रही थी. एक सच्चा दोस्त हमेशा यही चाहता है कि उसका दोस्त जीवन में तरक्की करे. लेकिन इस विवाद ने पवन की छवि को नुकसान पहुंचाया है और यह देखकर मुझे काफी दुख हुआ."

उन्होंने बताया, "ज्योति सिंह ने बलिया कोर्ट में एक मेंटेनेंस केस किया, जो परिवार से जुड़ा मामला है. लेकिन कोर्ट में चल रहे इस केस को सोशल मीडिया पर लाना सही नहीं है. आजकल इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर इस मामले को बड़े पैमाने पर फैलाया जा रहा है, जो परिवार के लिए सही नहीं है."

सुभाष ने आगे कहा कि जो लोग पवन सिंह के खिलाफ हैं, वे उन्हें प्रतिद्वंद्वी समझकर इस तरह का हथकंडा अपना रहे हैं. वे चाहते हैं कि पवन सिंह की छवि खराब हो ताकि वे उससे आगे निकल सकें. उन्होंने बताया कि कुछ लोग, जो पवन को भोजपुरी इंडस्ट्री में या गाने के मामले में हरा नहीं पाए, वे इस मामले को हथियार बना रहे हैं.

सुभाष ने इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक साजिश से जोड़ते हुए कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि पवन सिंह की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को नुकसान पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा कि ज्योति सिंह ने पवन सिंह पर कई आरोप लगाए, लेकिन सवाल यह है कि इतने पुराने मामले को अचानक क्यों याद किया गया है.

उन्होंने कहा, "ज्योति सिंह ने पवन सिंह के साथ जुलाई 2024 से अक्टूबर 2025 तक कोई विवाद नहीं किया था, और अचानक चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ही यह मामला सामने आया. यह संयोग नहीं बल्कि एक साजिश है, जिससे पवन की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचे."

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सुभाष ने बताया कि जब पवन सिंह का टिकट आसनसोल से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तय हुआ था, तब भी उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को रोकने की कोशिश हुई थी. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड, टॉलीवुड और भोजपुरी जैसी इंडस्ट्री के कई कलाकार राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन कहीं भी उनके गाने या उनकी निजी जिंदगी को मुद्दा नहीं बनाया जाता. केवल पवन सिंह के मामले को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

सुभाष ने पवन सिंह के बचपन और संघर्षों को याद करते हुए कहा कि पवन सिंह ने बहुत मेहनत की है. छह साल की उम्र से ही पवन ने गाना शुरू कर दिया था और आज वह एक सफल कलाकार बन गए हैं. उन्होंने कहा कि किसी इंसान की कई सालों की मेहनत से बनी पहचान को एक दिन में खराब कर देना बहुत दर्दनाक होता है. अगर वह खुद पवन की जगह होते, तो उन्हें भी ऐसा ही दुख होता. इसलिए इस पूरे मामले को समझदारी से देखना चाहिए.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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