पंकज त्रिपाठी, बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड नाम के एक छोटे से गांव के साधारण परिवार से आते हैं. किसान परिवार में जन्मे पंकज का पहला प्यार हमेशा मिट्टी ही रही. बचपन से ही पंकज खेती-बाड़ी में लगे रहे और अपने पिता के साथ खेतों में हाथ बंटाते थे. पंकज का परिवार एक साधारण से घर में रहता था और एक समय ऐसा भी था जब उन्हें माचिस की डिब्बी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था. कौन बनेगा करोड़पति में पंकज ने अमिताभ बच्चन को अपने शुरुआती दिनों के बारे में बताते हुए कहा, "कभी ऐसा भी था कि माचिस घर पर नहीं होती थी. एक बड़ी लड़की ले के पड़ोस घर से आग ले के आता था और तब चूल्हा जलाते थे."
दिन में करते थे नौकरी रात में रिहर्सल
पंकज त्रिपाठी ने शुरुआत में स्थानीय नाटकों में एक्टिंग करना शुरू कर दिया. गैर-फिल्मी बैकग्राउंड के चलते उनका संघर्ष ना केवल एक किस्मत बदलने वाले मौके के लिए था बल्कि गुजारा करने के लिए भी था. रिपोर्टों के अनुसार पंकज ने पटना के होटल मौर्या में लगभग दो साल तक रसोइया और किचन सुपरवाइजर के तौर पर काम किया. इस दौरान वह दिन में होटल में काम करते थे और रात में थिएटर की रिहर्सल करते थे.
गैंग्स ऑफ वासेपुर ने बदली किस्मत
2012 में पंकज त्रिपाठी ने अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में सुल्तान का किरदार निभाकर पहचान बनाई. पंकज की जबरदस्त एक्टिंग ने दर्शकों और क्रिटिक्स को इंप्रेस किया और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
कालील भैया ने बनाया ओटीटी किंग
बड़े पर्दे पर असरदार एक्टिंग करने के बाद पंकज त्रिपाठी ने मिर्जापुर (2018) में कालीन भैया का किरदार निभाया. यह सीरीज एक बड़ी हिट बन गई और पंकज को ओटीटी किंग का खिताब मिला. उन्होंने सेक्रेड गेम्स, क्रिमिनल जस्टिस, मिमी और लूडो जैसे शोज और फिल्मों के साथ डिजिटल स्पेस में अपनी धाक जमाई है.
वर्कफ्रंट की बात करें तो पंकज आखिरी बार अनुराग बसु की फिल्म मेट्रो...इन दिनों में नजर आए थे. उनके साथ कोंकणा सेन शर्मा थीं. दोनों की अनोखी केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया है.