ओटीटी की दुनिया की सबसे पॉपुलर सीरीज में से एक पंचायत का सीजन 4 इस वक्त खूब धूम मचा रहा है. जितेंद्र के सचिव जी के रोल से रघुबीर यादव के प्रधान जी के रोल तक एक बार फिर सीरीज के सभी किरदार दर्शकों को हंसा रहे हैं. पंचायत 4 में मंजू देवी (नीना गुप्ता) और क्रांति देवी (सुनीता राजवार) इस बार चुनावी मैदान में एक-दूजे के सामने हैं. इस सीरीज का ड्रामा थोड़ा राजनीतिक हो गया है. बात करेंगे क्रांति देवी (सुनीता राजवार ) की जो अपने किरदार से खूब पॉपुलर हो रही हैं. सुनीता एक थिएटर आर्टिस्ट हैं और यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की है. आइए जानते हैं कैसे जागा उनमें एक्टिंग का शौक. .
सुनीता के संघर्ष के दिन
एक्ट्रेस के पिता ट्रक चलाते थे और हर शुक्रवार उनके पिता उन्हें सिनेमा दिखाने ले जाते थे और यहीं से उनमें एक्ट्रेस बनने की इच्छा जागी. आंखों में एक्टिंग का सपना लिए वह हल्द्वानी से दिल्ली आईं और फिर एनएसडी (दिल्ली) में एडमिशन ले लिया. एनएसडी से एक्टिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक्ट्रेस का असली संघर्ष मुंबई में शुरू हुआ. वह मुंबई में एक छोटे से घर में रहती थीं और काम की तलाश में जुटी रहती थीं. शुरुआत में उन्हें ज्यादातर नौकरानी के ही रोल मिलते थे और वह इन घिसे-पिटे रोल से तंग आ गई थी. इसी के चलते वह सिनेमा से दो साल तक दूर रहीं.
फिर मिला बड़ा ब्रेक
पॉपुलर फैमिली ड्रामा सीरीज गुल्लक (2019) में उन्हें बिट्टू की मम्मी का किरदार मिला और फिर अगले ही साल 2020 में आई पंचायत के पहले सीजन में उन्हें क्रांति देवी के रोल में देखा गया. इन दो सीरीज से सुनीता फिल्म इंडस्ट्री में पहचान रखने लगीं. बता दें, सुनीता को कांस गई फिल्म संतोष में भी देखा गया था. सुनीता खुद यहां रेड कार्पेट पर अपना जलवा दिखाकर आई थीं. क्रांति देवी ने साल 2003 में फिल्म मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं में चुटकी की सहेली के किरदार से बॉलीवुड में कदम रखा था. बुड्ढा मर गया, एक चालीस की लास्ट लोकल, केदारनाथ, स्त्री, बाला, शुभ मंगल सावधान ज्यादा और स्त्री 2 से मेगा-ब्लॉकबस्टर फिल्मों में उन्हें देखा गया है.