'हिंदुस्तानियों को पसंद है सिर्फ पाकिस्तानी ड्रामा, भारतीय शोज जहर और घटिया', क्यों सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुए यासिर हुसैन?

पाक एक्टर यासिर हुसैन ने एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने इंडियन टीवी इंडस्ट्री के बारे में बात की. 39 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि भारतीय धारावाहिकों में 'जहर ड्रामा' होता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
पाकिस्तानी एक्टर यासिर हुसैन ने भारतीय शो को बताया घटिया
नई दिल्ली:

पाकिस्तान के स्क्रीन राइटर, अभिनेता और निर्देशक यासिर हुसैन इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म टैक्सली गेट का जमकर प्रमोशन कर रहे हैं. यासिर हुसैन ने Something Haute को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने इंडियन टीवी इंडस्ट्री के बारे में बात की. 39 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि भारतीय धारावाहिकों में 'जहर ड्रामा' होता है. गौरतलब है कि पाकिस्तानी शोज को भारत में बहुत पसंद किया जाता है. ऐसे में उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तानी टीवी शो भारत में इतने पॉपुलर क्यों हैं.

यासिर ने कहा, "भारत में ड्रामा देखा है आपने? मतलब वो देश जिनके पास घटिया क्वालिटी का ड्रामा है वो हमारा ड्रामा जरूर देख रहे हैं. उसके अलावा कौन देख रहा है आपका ड्रामा? आपका ड्रामा सिर्फ वही लोग देख रहे हैं जिनके पास अपना ड्रामा बेहतर नहीं है. इंडिया में तो इंतेहाई ज़हर ड्रामा है. हमारा ड्रामा उनसे तो बेहतर है इसलिए वो देख रहे हैं". इतना ही नहीं, यासिर हुसैन ने पाकिस्तान टीवी इंडस्ट्री की भी आलोचना की. 

पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बात करते हुए यासिर ने कहा, "हमारी इंडस्ट्री कोई अच्छी इंडस्ट्री नहीं है. मैं नहीं चाहता कि मेरा बेटा इस इंडस्ट्री में आए. मेरा दिल नहीं है कि वो एक्टर बने. अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा, "ये कोई काम है? एक्टर का काम है एक अच्छी एक्टिंग करना. एक फील्ड है ना अपने क्राफ्ट को मनाना, लेकिन मसल्सल आपका बुरा काम ऑफर हो रहा है. टीवी में बुरा काम ऑफर हो रहा है. जो नाटक हिट हो रहे हैं, जिनके आप रिव्यू करती हैं, वो कहां अच्छे नाटक हैं?".

इंटरव्यू में यासिर हुसैन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री भारत की तुलना में कम बजट में फिल्में बना सकता है. ऋषभ शेट्टी की कंतारा की ओर इशारा करते हुए यासिर ने कहा, ''कंतारा 13 करोड़ रुपए के बजट के साथ बनाई गई थी. पाकिस्तान में हम बहुत कम बजट में उसी तरह की फिल्म बना सकते हैं. क्योंकि यहां चीजें सस्ती हैं. हमारे देश में फोटोग्राफी के निदेशक मोटी फीस नहीं लेते हैं और पाकिस्तान में अभिनेताओं के साथ भी ऐसा ही है".


 

Featured Video Of The Day
Jhansi College Fire: 18 शिशुओं के इलाज की क्षमता फिर भी 50 नवजात थे एडमिट, NDTV का Reality Check