अमिताभ बच्चन के करियर को नया जीवन देने वाली साल 1973 में आई फिल्म जंजीर पहले किसी और एक्टर को ऑफर हुई थी. जावेद अख्तर ने दावा किया था कि धर्मेंद्र ने जंजीर फिल्म के ऑफर को ठुकरा दिया था. वहीं अब बॉबी देओल ने खुलासा किया है कि उनके पिता ने फिल्म क्यों छोड़ दी. लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने दावा किया था कि धर्मेंद्र ने 1973 की फिल्म जंजीर को ठुकरा दिया था और अमिताभ बच्चन उनके आखिरी विकल्प थे, जिन्होंने आखिरकार मुख्य भूमिका निभाई. अब, इंस्टेंट बॉलीवुड के साथ एक इंटरव्यू में, बॉबी देओल ने बताया कि उनके पिता ने ब्लॉकबस्टर फिल्म को क्यों छोड़ा और इसके पीछे क्या इमोशनल वजह थी.
धर्मेंद्र ने इस वजह से नहीं की जंजीर
बॉबी ने उस इमोशनल रीजन को याद किया जिसके कारण धर्मेंद्र ने जंजीर को ठुकरा दिया था. उन्होंने कहा, “जब जंजीर की पेशकश की गई थी, तो पापा इसे करना चाहते थे. हालांकि, हमारी एक चचेरी बहन थी, और उनकी शायद कोई समस्या हो गई थी प्रकाश मेहरा जी से. वह एक दिन घर आई और बोली, आपको मेरी कसम, अगर आपने यह फिल्म की तो आप मेरी डेड बॉडी देखोगे. इसलिए मेरे पिता को जंजीर छोड़नी पड़ी.”
2022 में धर्मेंद्र ने जावेद अख्तर के दावे का भी जवाब दिया था. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने लिखा, ''जावेद, कैसे हो...दिखावे की इस दुनिया में हकीकत दब जाती है. जीते रहो...दिलों को गुदगुदाना खूब आता है...काश सर चढ़ के बोलने का जादू भी सीख लिया होता.''
दरियादिल हैं धर्मेंद्र
बॉबी ने कहा कि एक बार पापा ने मेरी मौसी की मदद करने के लिए एक फिल्म की थी. उस वक्त वे फाइनेंशियल प्रॉब्लम में थे. बॉबी ने कहा, ‘पापा ने एक फिल्म सत्यकाम की थी. मेरे पिता ने इसे मेरी मौसी के पति के लिए बनाया था. वे कुछ वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे, इसलिए मेरे पापा ने उन्हें ₹25 लाख दिए. मुझे सटीक राशि याद नहीं है, लेकिन जरा सोचिए—60 के दशक में ₹25 लाख देना. मेरे पिता हमेशा से ही लोगों का ख्याल रखने वाले व्यक्ति रहे हैं.'