1 नवंबर से नहीं होगी किसी तमिल फिल्म की शूटिंग, साउथ में क्यों मची ऐसी खलबली ?

कई तमिल फिल्में उचित थिएटर ना मिलने के कारण ठंडे बस्ते में पड़ी हैं. इस मुद्दे को हल करने के लिए एसोसिएशन नए नियम पारित करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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एक महीने के लिए ठप्प तमिल फिलम इंडस्ट्री !
नई दिल्ली:

तमिल फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल (TFPC) ने 29 जुलाई को कई प्रस्ताव पारित किए. परिषद ने अनाउंस किया कि 1 नवंबर से तमिल सिनेमा में कोई भी फिल्म शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन का काम नहीं होगा. संयुक्त बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें एक्टर्स की फीस में बढ़ोतरी, निर्माताओं को होने वाला घाटा और बड़े हीरो की फिल्मों की OTT रिलीज के पीछे के नियम शामिल हैं. इस बैठक में TFPC के सदस्य, तमिल फिल्म निर्माता संघ के कार्यकारी, तमिलनाडु थिएटर मालिक संघ के कार्यकारी, तमिलनाडु थिएटर मल्टीपल एसोसिएशन के कार्यकारी और तमिलनाडु फिल्म वितरक संघ के कार्यकारी शामिल हुए.

TFPC ने मिलकर छह प्रस्ताव साझा किए

बड़े एक्टर्स वाली फिल्मों को उनके थिएटर रिलीज के आठ हफ्ते बाद ही OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाना चाहिए. हाल के दिनों में एक्टर्स और टेक्नीशियन प्रोडक्शन कंपनियों से एडवांस रकम लेते हैं और दूसरी फिल्मों पर काम करने चले जाते हैं. इससे निर्माताओं को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. यह फैसला लिया गया कि किसी भी एक्टर और टेक्नीशियन को निर्माता से एडवांस मिलने के बाद काम पूरा करने के बाद ही वो दूसरे प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर पाएंगे.

इस बीच एक्टर धनुष के साथ कई निर्माताओं ने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है और उन्हें एडवांस भी दिया जा चुका हुआ है. निर्माताओं से अनुरोध किया गया है कि वे नई फिल्मों पर काम शुरू करने से पहले तमिल फिल्म निर्माता परिषद को जानकारी दें और उनसे सलाह ले.

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कई तमिल फिल्में उचित थिएटर ना मिलने के कारण ठंडे बस्ते में पड़ी हैं. इस मुद्दे को हल करने के लिए एसोसिएशन नए नियम पारित करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसलिए, 16 अगस्त से नई फिल्मों की शूटिंग शुरू नहीं होगी.

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फिल्में, जो फिलहाल में प्रोसेस में हैं 30 अक्टूबर तक पूरी हो जानी चाहिए. प्रोडक्शन हाउस को तमिल फिल्म निर्माता परिषद के साथ फिल्म की शूटिंग का डिटेल शेयर करना चाहिए.

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क्योंकि एक्टर्स और टेक्नीशियन की सैलरी और अन्य खर्च बेहिसाब रूप से बढ़ रहे हैं. इसलिए फिल्म इंडस्ट्री को नियमित और पुनर्गठित करने की कोशिशें की जा रही हैं. इसलिए परिषद ने प्रस्ताव दिया कि 1 नवंबर से तमिल सिनेमा से संबंधित सभी प्रकार के काम बंद कर दिए जाएंगे.
निर्माता, वितरक और थिएटर मालिकों सहित एक संयुक्त कार्रवाई समिति फिल्म उद्योग से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए एक संयुक्त कार्रवाई समिति का गठन करेगी.

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