बॉलीवुड पर अक्सर ये इल्जाम लगते रहे हैं कि बॉलीवुड नकल करके कॉन्टेंट तैयार करता है. नेपोटिज्म के आरोपों से बॉलीवुड कई बार घिरा रहा है. आउटसाइडर्स को काम न मिलने पर और अगर काम मिला तो भी स्टार किड्स के बाद तवज्जो मिलने पर, बॉलीवुड को घेरा जाता रहा है. ज्वेल थीफ- द हाइस्ट बिगेन मूवी में सैफ अली खान और जयदीप अहलावत के साथ नजर आईं निकिता दत्ता इस बारे में क्या सोचती हैं. क्या निकिता दत्ता को भी बॉलीवुड फेक और चोर लगता है. इस बारे में निकिता दत्ता ने एनडीटीवी के साथ अपने विचार साझा किए हैं. चलिए जानते हैं निकिता दत्ता इस बारे में क्या सोचती हैं.
क्या बॉलीवुड फेक है?
इस सवाल पर निकिता दत्ता के फेस पर एक बड़ी सी स्माइल नजर आती है. सवाल के बदले में वो उल्टा सवाल करती हैं कि फेक आखिर कौन नहीं है. निकिता दत्ता का कहना है कि फेक और रियल लोग हर जगह पर होते हैं. कोई जगह ऐसी नहीं होती जहां सौ फीसदी जेनुविन लोग मिल सकें. उन्होंने आगे कहा कि बॉलीवुड पर अक्सर नेपोटिज्म के इल्जाम लगते रहे हैं. लेकिन उनका पर्सनल एक्सपीरियंस है कि बहुत से नेपो लोग बहुत अच्छे हैं और नॉन नेपो लोग बहुत बुरे हैं. कई बार ये एक्सपीरियंस उल्टा भी रहा है. निकिता दत्ता कहती हैं कि खामियां हर जगह है. इसलिए ये सही नहीं है कि पूरा बॉलीवुड ही कमियों से भरा है या फिर फेक है.
क्या बॉलीवुड का कंटेंट चोरी का है?
इस सवाल पर निकिता दत्ता का कहना है कि कंटेंट चुराना आज के जमाने में आसान नहीं है. लेकिन आज जो भी काम होता है वो पहले के कामों से इंस्पायर है. निकिता दत्ता के मुकाबिक पुराने दौर के जो आर्टिस्ट रहे हैं या फिर क्रिएटर्स रहे हैं आज के सारे सितारे उन्हीं से इंस्पायर हैं. न सिर्फ भारत में बल्कि वर्ल्ड वाइड यही ट्रेंड चला आ रहा है. उनका कहना है कि पुराने कलाकारों से सीखना, उनसे प्रेरणा लेना गलत नहीं है.