साल 2021 अलविदा कह रहा है और 2022 में कदम रखने जा रहे हैं. बेशक साल बदला है, लेकिन हालात नहीं. कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में एक बार फिर दहशत का माहौल. कोरोना वायरस का नया वेरियंट ओमिक्रॉन के खौफ के साथ पूरी दुनिया नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार है. न्यू ईयर 2022 हैप्पी हो इसके लिए जरूरी है कि सारी एहतियात बरती जाए और कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी उपाय किए जाएं. गुजरते साल को कुछ चुनिंदा शायरी के जरिये अलविदा कहते हैं...
न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है
किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है
अहमद फ़राज़
तू नया है तो दिखा सुब्ह नई शाम नई
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई
फ़ैज़ लुधियानवी
कुछ ख़ुशियाँ कुछ आँसू दे कर टाल गया
जीवन का इक और सुनहरा साल गया
अज्ञात
यकुम जनवरी है नया साल है
दिसम्बर में पूछूँगा क्या हाल है
अमीर क़ज़लबाश
पिछला बरस तो खून रुला कर गुजर गया
क्या गुल खिलाएगा ये नया साल दोस्तो
फारूक इंजीनियर
करने को कुछ नहीं है नए साल में 'यशब'
क्यों ना किसी से तर्क-ए-मोहब्बत ही कीजिए
यशब तमन्ना
ऐ जाते बरस तुझ को सौंपा ख़ुदा को
मुबारक मुबारक नया साल सब को
मोहम्मद असदुल्लाह
जिस बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है
उस को दफ़नाओ मिरे हाथ की रेखाओं में
क़तील शिफ़ाई
इस गए साल बड़े ज़ुल्म हुए हैं मुझ पर
ऐ नए साल मसीहा की तरह मिल मुझ से
सरफ़राज़ नवाज़
इक साल गया इक साल नया है आने को
पर वक़्त का अब भी होश नहीं दीवाने को
इब्न-ए-इंशा