Neeru Bajwa: नीरू बाजवा का नाम पंजाबी फिल्मों में बेहद जाना माना है. वैसे तो नीरू बाजवा अब विदेश में सेटल हो चुकी हैं. लेकिन पंजाबी फिल्मों से उनका नाता बहुत गहरा है. जिसकी खातिर वो इंडिया आती हैं. शूटिंग करती हैं और प्रमोशनल इवेंट में भी हिस्सा लेती हैं. इस दौरान उनकी खूबसूरती और मुस्कान फैन्स का दिल चुराती है. लेकिन एक सवाल और है जो लोगों के दिलों में जरूर उठता है कि नीरू बाजवा कभी बॉलीवुड फिल्मों में क्यों दिखाई नहीं देतीं. पंजाबी फिल्मों की दमदार एक्ट्रेस नीरू बाजवा ने अपने स्तर पर बॉलीवुड में जगह बनाने की कोशिश जरूर की थी.
नीरू बाजवा का जन्म 26 अगस्त 1980 को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में हुआ. वह एक्ट्रेस बनना चाहती थीं, इसलिए अपने इस सपने को पूरा करने के लिए मुंबई आ गई थीं. जब नीरू बाजवा 18 साल की थीं तो उन्हें देव आनंद की फिल्म से डेब्यू करने का मौका मिला. यह फिल्म थी 'मैं सोलह बरस की' जिसे देव आनंद ने डायरेक्ट किया था. नीरू ने टीवी सीरियल 'हरी मिर्ची लाल मिर्ची', 'अस्तित्व...एक प्रेम कहानी', 'जीत' और 'गन्स ऐंड रोजेज' में भी काम किया. लेकिन 2004 में उन्हें 'असां नूं मान वतनां दा' से पंजाबी में मौका मिला और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
उनके फैन्स हमेशा ये जानने के लिए बेताब रहे कि आखिर नीरू बाजवा ने बॉलीवुड से दूरी क्यों बना कर रखी. आउटडोर फिल्म्स के नाम से अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस चलाने वाली नीरू बाजवा इस बारे में खुद ही बता चुकी हैं. दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म शाडा के प्रमोशन के दौरान खुद नीरू बाजवा ने इस बात का खुलासा भी किया था. नीरू बाजवा ने एक बुरे एक्सपीरियंस के बारे में बताया कि मेकर्स ने एक मीटिंग के दौरान कह दिया था कि बॉलीवुड में काम करने के लिए उन्हें कुछ अलग करना पड़ेगा. इस बात से वो काफी शॉक्ड थीं. लेकिन उसके बाद ये तय कर लिया कि वो किसी तरह का समझौता न करते हुए बॉलीवुड से दूरी बना लेंगी. उस कड़वे अनुभव के बाद नीरू बाजवा ने कभी खुद बॉलीवुड में काम करने की कोशिश नहीं की.
इस साल अब तक नीरू बाजवा की पांच पंजाबी फिल्में रिलीज हो चुकी हैं. जिसमें से दो 'एस जहांनो दूर किथे चली जिंदड़ी' और 'बूहे बारियां' में एक्टिंग के साथ-साथ नीरू बाजवा ने उन्हें प्रड्यूस भी किया है.