Nazariya Review: 100 रुपये में भी खुश रहना सिखाती है फिल्म, 48 घंटे में हुई है तैयार

Nazariya Review: यह जानना हो कि महज 100 रुपये में कैसे खुश रहा जा सकता है, तो यह लघु फिल्म जरुर देखनी चाहिए. 'फेंच फ्राइज फिल्म्स' ने अपनी लघु फिल्म 'नजरिया' (Nazariya) को  यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज किया है.

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Nazariya Review: 100 रुपये में भी खुश रहना सिखाती है फिल्म, 48 घंटे में हुई है तैयार
Nazariya Review: 100 रुपये में भी खुश रहना सिखाती है फिल्म
नई दिल्ली:

Nazariya Review: आज की आपाधापी भरी जिदंगी में अगर आपके पास पांच मिनट का समय हो और यह जानना हो कि महज 100 रुपये में कैसे खुश रहा जा सकता है, तो यह लघु फिल्म जरुर देखनी चाहिए. 'फेंच फ्राइज फिल्म्स' ने अपनी लघु फिल्म 'नजरिया' (Nazariya) को  यू-ट्यूब चैनल  पर रिलीज किया है. दिलचस्प ये है कि पूरी फिल्म एक दिन में शूट की गई. 48 घंटे में ही फिल्म बनकर तैयार भी हो गई. इस फिल्म को रवनीत ओबेरॉय ने निर्देशित किया है और लिखा है फराज मिर्जा ने. एक और खास बात यह है कि फिल्म में अभिनय किया है नेशनल स्कूल ड्रामा के प्रोफेसर दिनेश खन्ना (Dinesh Khanna) ने.

 फिल्म की कहानी एक वृद्ध व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है जो घर के चिकचिक से परेशान है. पार्क में उसे सौ रुपया गिरा मिलता है. इन्हीं पैसों से वो उन छोटी-छोटी  खुशियों की तलाश करते हैं जिन्हें वे भूल चुके थे. करीब 20 साल से एनएसडी में एक्टिंग पढ़ा रहे दिनेश खन्ना कहते है कि उनके लिये यह रोल काफी अलग और दिलचस्प था. बहुत दिनों बाद उन्हें ऐसा कुछ करने को मिला. उम्र के अंतिम मोड़ पर दस्तक दे चुके हर वृद्धजन के लिए यह फिल्म खुशियां तलाशने का एक सशक्त जरिया हैय

 फिल्म के निदेशक रवनीत ओबेरॉय ने इस बारे में बात करते हुए कहा, "मैं याद रखने के लिए कुछ ऐसा बनाना चाहता था जो लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाए, कुछ ऐसा जिससे उन्हें अपने लिए जीने की उम्मीद हो." वही फिल्म के लेखक फराज मिर्जा के मुताबिक इस फिल्म को 14वें हैबिटेट फिल्म फेस्टिवल में काफी सराहना मिली. आज वक्त है बुर्जगो का ख्याल रखा जाए. घर-परिवार में अलग-थलग नही रखा जाए. प्यार और सम्मान दिया जाए. फिल्म को यहां देखा जा सकता है.

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