'दो नैना एक कहानी' गाने से हुई थीं मशहूर, जीता नेशनल अवॉर्ड, इस मशहूर गायिका को खाने में दिया गया था जहर

बंगाली पार्श्व गायिका आरती मुखर्जी की, जिन्हें आरती मुखोपाध्याय के नाम से भी जाना जाता है. आरती मुखर्जी साल 1955 से सिंगिंग करियर में एक्टिव हैं और कई भाषाओं में गाने गा चुकी हैं.

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कई हिट गाने गा चुकी है यह सिंगर
नई दिल्ली:

स्वर कोकिला लता मंगेशकर, के एस चित्रा, कविता कृष्णमूर्ति और अल्का याग्निक भारतीय सिनेमा को अपनी मधुर आवाज से सजा चुकी हैं. इनके सबके बीच एक गायिका और हैं, जो भूली बिसरी हो चुकी हैं. हालांकि इनके गाए गाने आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं. बात कर रहे हैं बंगाली पार्श्व गायिका आरती मुखर्जी की, जिन्हें आरती मुखोपाध्याय के नाम से भी जाना जाता है. आरती मुखर्जी साल 1955 से सिंगिंग करियर में एक्टिव हैं और कई भाषाओं में गाने गा चुकी हैं. उन्होंने हिंदी फिल्में गीत गाता चल (1975), तपस्या (1976) और मासूम (1983) के लिए शानदार गाने गाए हैं, लेकिन इनके साथ हुए एक हादसे ने इनका सिंगिंग करियर तबाह कर दिया.  

सिंगर खाने में खिलाया जहर
आरती मुखर्जी ठुमरी से भजन, टप्पा, तराना और गजल तक हर तरह के सॉन्ग गाने में माहिर हैं. लेकिन कहा जाता है कि उनका करियर बर्बाद किया गया है. आरती की पॉपुलैरिटी से कुछ लोगों को अपना फ्यूचर खतरे में नजर आने लगा था. आरती ने एक बार बताया था, मैं तब मुंबई में संघर्ष कर रही थी,  मुझे अभी भी ठीक से नहीं पता है कि किसने खाने में क्या मिलाया था, अचानक एक दिन मैं बहुत असहज महसूस करने लगी थी,  मेरे पैर फूल गए और मैं दर्द की वजह से हिल भी नहीं पा रही थी, मैं डाक्टर के पास गयी, डॉक्टर ने मेरे पेट का चेकअप किया, तो पता चला कि किसी ने मेरे खाने में जहर मिला दिया है, मेरे पैरों में आज भी दर्द होता है, मैं लगातार बैठकर अभ्यास भी नहीं कर सकती हूं'. आरती आज 81 साल की हो रही हैं.
 

गायिका को मिला चुका है नेशनल अवार्ड

आरती स्कूल टाइम से ही गाना गा रही हैं और उन्होंने मुंबई में आयोजित एक सिंगिंग कंपटीशन में फर्स्ट प्राइज जीता था. उस वक्त पॉपुलर कंपोजर अनिल बिस्वास, नौशाद अली, वसंत देसाई, सी रामचंद्र और मदन मोहन ने उन्हें बेस्ट सिंगर के तौर पर विजेता चुना था. आरती को संगीत विरासत में मिला. संगीत से उनका परिचय उनकी मां ने कराया था. आरती को सिंगिंग में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है. वहीं, शेखर कपूर की फिल्म मासूम (1983) में सॉन्ग 'दो नैना' के लिए उन्हें बेस्ट सिंगर का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला है. इनके पॉपुलर गानों में श्याम तेरी बंसी पुकारे, दो पंछी दो तिनके, कभी कुछ पल जीवन के, नैना नीर ना बहाओ और यादों को भूल जाएं तो कैसे भूल जाए शामिल हैं.

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