बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. अपनी आत्मकथा "एंड देन वन डे" में उन्होंने कई ऐसे किस्से साझा किए हैं जो उनके फैंस को हैरान कर सकते हैं. इस किताब में उन्होंने एक ऐसा वाकया बताया है. जब उन पर उन्हीं के एक कोएक्टर ने उन पर हमला कर दिया था. इस दौरान अगर ओम पुरी उनके साथ न होते तो शायद नसीर का जिंदा बचना मुश्किल था. उन पर हमला करने वाला बहुत जल्द फिल्म इंड्स्ट्री से बाहर भी कर दिया गया.
खाने के दौरान हुआ हमला
ये घटना साल 1977 में हुई. जब नसीर फिल्म ‘भूमिका' की शूटिंग कर रहे थे. एक रात वो और ओम पुरी एक रेस्टोरेंट में डिनर कर रहे थे. तभी उनका पुराना जान-पहचान वाला एक्टर जसपाल वहां पहुंचा. नसीर के मुताबिक, उनकी जसपाल से पहले कुछ अनबन हो चुकी थी, और दोनों एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए थे.
नसीर ने लिखा, “हमने एक-दूसरे को नजरअंदाज किया, लेकिन वो मेरी तरफ देखते हुए मेरे पीछे की टेबल पर बैठ गया. थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि किसी ने मेरी पीठ में जोर से मुक्का मारा है. जब तक मैं समझ पाता, ओम चीखते हुए पीछे की तरफ लपके. मैंने पीछे मुड़कर देखा तो जसपाल के हाथ में चाकू था, जिससे खून टपक रहा था और वो दोबारा हमला करने ही वाला था. ओम और दो अन्य लोग उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे.”
पुलिस, अस्पताल और दर्दभरा वक्त
रेस्टोरेंट वालों ने तुरंत पुलिस को बुलाया और नसीर को इलाज की सख्त जरूरत थी. ओम पुरी ने उन्हें डॉक्टर के पास ले जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका. जब एंबुलेंस आई, तो ओम भी साथ चढ़ गए और पुलिस से नसीर के साथ नरमी बरतने की गुजारिश करने लगे. इससे पुलिस नाराज हो गई. लेकिन बाद में ओम पुरी को उनके साथ जाने दिया गया.
नसीर को पहले जुहू स्थित कूपर अस्पताल में ले जाया गया. लेकिन वहां उन्हें राहत नहीं मिली. इसके बाद उन्हें जसलोक अस्पताल में भर्ती किया गया. इस घटना के बाद जसपाल, नसीर से मिलने उनके घर भी पहुंचे थे. हालांकि उन्हें अपने किए पर कोई शर्मिंदगी नहीं थी.