नाना पाटेकर ने 8 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम में केरल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफके) के 28वें संस्करण के उद्घाटन में भाग लिया. उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बात की और बताया कि पिछले 50 सालों में केरल के किसी भी डायरेक्टर ने उनसे फिल्म के लिए संपर्क नहीं किया है. नाना पाटेकर जिन्हें आखिरी बार 'द वैक्सीन वॉर' में देखा गया था केरल के 28वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन पर पहुंचे थे. वहीं उन्होंने कहा, "मैं यहां आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. IFFK में मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं आयोजकों का आभार व्यक्त करता हूं. मैं 32 साल पहले एक फिल्म की शूटिंग के लिए पहली बार केरल आया था. सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में कुछ भी नहीं बदला है तब से. लोग दिल से ज्यादा सोचते हैं. इसलिए भाषाएं अलग-अलग होने पर भी बात करना आसान है. इसे ऐसा ही होना चाहिए."
मलयालम सिनेमा में काम करने पर क्या बोले नाना ?
मलयालम फिल्मों में अपनी दिलचस्पी व्यक्त करते हुए उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की अपनी लंबे समय से चली आ रही इच्छा बताई और अफसोस जताया कि अपने शानदार पांच दशक के करियर के दौरान उन्हें कभी भी मलयालम सिनेमा में काम करने का मौका नहीं मिला.
उन्होंने कहा, "पिछले 50 सालों में यहां (केरल) से एक भी निर्देशक ने कभी मुझसे संपर्क नहीं किया. इसका मतलब है कि मुझे एक अभिनेता के रूप में सुधार करना होगा. मैं अपनी बेहतर कोशिश करूंगा और आपको निराश नहीं करूंगा." इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा पूर्व-रिकॉर्ड किए गए संदेश के माध्यम से की गई. उद्घाटन समारोह के दौरान केन्याई फिल्म निर्माता वानूरी काहिउ को आईएफएफके के स्पिरिट ऑफ सिनेमा अवार्ड से सम्मानित किया गया. पूरे हफ्ते चलने वाले इस कार्यक्रम में 81 देशों की 175 फिल्मों को दिखाया जाएगा.