अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने अपने 45 साल के करियर में कई हिंदी और बंगाली फिल्मों में अभिनय किया है. उन्होंने अपनी डेब्यू बॉलीवुड फिल्म 'मृगया' में अपने अभिनय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था और उनकी 1982 की फिल्म 'डिस्को डांसर' के बाद वे 'डिस्को डांसर' के नाम से जाने जाते थे. हालांकि, उनके बेटे नमाशी को लगता है कि एक फिल्म ऐसी थी, जिसमें उनके पिता को काम नही करना चाहिए था और वह फिल्म है साल 1998 में आई 'गुंडा'. आखिर ऐसा क्यों चलिए आपको बताते हैं.
एक्शन-ड्रामा फिल्म 'गुंडा' को बशीर बब्बर ने लिखा था और कांति शाह इसके निर्देशक थे. इसमें मिथुन के अलावा, मुकेश ऋषि और शक्ति कपूर भी मुख्य भूमिकाओं में थे. फिल्म में दिए गए संदेशों के लिए इसके रिलीज के समय यह विवादों में फंस गई थी, लेकिन अपने क्रिंज डायलॉग के कारण यह बाद में कल्ट हिट बन गई. हाल ही में मिथुन चक्रवर्ती के बेटे नमाशी ने ETimes को एक इंटरव्यू दिया. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि वे एक फिल्म का नाम बताएं, जिसमें उन्हें लगता है कि उनके पिता को अभिनय नही करना चाहिए था, तो उन्होंने 'गुंडा' फिल्म का नाम लिया.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि 'गुंडा' एक ऐसी फिल्म है जो बहुत बदनाम है. इसकी दुर्दान्त कहानी के कारण यह बहुत ही कुख्यात हो गई थी. आज की जनरेशन और बहुत से लोगों को लगता है कि मेरे पिताजी ही केवल इस तरह की फिल्मों को कर सकते हैं. यह फिल्म इतनी ज्यादा बदनाम हो गई थी कि हिट हो गई. मुझे तो यह फिल्म बहुत पसंद है, यह बहुत मजेदार है, लेकिन उनके स्टेचर के मुताबिक उन्हें इस फिल्म में काम नहीं करना चाहिए था".
एक्टर मुकेश ऋषि, जिन्होंने गुंडा में बुल्ला का रोल निभाया था, उन्होंने एक बार बताया था कि वो फिल्म में अपने लाइनों से शर्मिंदा थे. उन्होंने Hindustan Times को बताया था, "मैं बुल्ला के डायलॉग्स कहते समय शर्मिंदा महसूस करता था! शर्म और अपराध का मिश्रण होता था, और मैं हमेशा यह सवाल करता रहता था कि मैं पहले से ही इसे क्यों कर रहा हूं". बात करें नमाशी की तो वे जल्द ही 'बैड बॉय' नाम की फिल्म से बॉलीवुड डेब्यू करेंगे, जिसमें मिथुन चक्रवर्ती स्पेशल अपीयरेंस में नजर आएंगे.
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