बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस मुमताज अपने जमाने की मशहूर अदाकाराओं में से एक थीं. सिर्फ एक्टिंग के दम पर ही नहीं बल्कि अपने अलग अंदाज से मुमताज ने सिनेमा जगत में खास पहचान बनाई. मुमताज का ये सफर इतना आसान नहीं रहा. उनके करियर में एक वक्त ऐसा भी था जब उन्होंने बैकग्राउंड डांस और सपोर्टिंग रोल्स किए. लेकिन कुछ टाइम बाद ही उन्हें मेन रोल के ऑफर भी मिलने लगे. बॉलीवुड एक्ट्रेस मुमताज ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जितेंद्र उनके साथ काम नहीं करना चाहते थे. दरअसल 1967 में फिल्ममेकर वी शांताराम ने मुमताज को अपनी फिल्म 'बूंद जो बन गए मोती' में बतौर मुख्य एक्ट्रेस कास्ट किया और उनके अपोजिट जितेंद्र को.
जितेंद्र मुमताज के साथ काम नहीं करना चाहते थे
मुमताज के साथ जितेंद्र इस फिल्म में काम नहीं करना चाहते थे. उन्होंने डायरेक्टर से मुमताज को हीरोइन बनाने के फैसले पर आपत्ति जताई. रेडियो नशा से बातचीत करते हुए मुमताज ने खुलासा किया कि, जितेंद्र ने निर्देशक वी. शांताराम से किसी और हीरोइन को इस मूवी में कास्ट करने की बात कही. लेकिन शांताराम अपनी बात पर अड़े रहे.
'हीरोइन तो यही रहेगी, आप जाना चाहे तो जा सकते हैं'
फिल्ममेकर ने बॉलीवुड अभिनेता जितेंद्र को साफ तौर पर कह दिया कि "हीरोइन तो यही रहेगी अगर आपको ये फिल्म नहीं करनी है तो आप जा सकते हैं." शातांराम को मुमताज की कला, अभिनय और खूबसूरती पर पूरा विश्वास था. वे उन्हें बचपन से जानते थे. मुमताज ने इस घटना को याद को याद करते हुए कहा, "सॉरी जीतू पर ये बात सच है." उन्होंने आगे बताया कि उस दौर में कोई बड़ा हीरो मेरे साथ काम करने को तैयार नहीं था. ऐसे में दिलीप कुमार ने उनका काम देखा और मुमताज के साथ 'राम और श्याम' मूवी में काम करने के लिए हामी भर दी.
मुमताज और जितेंद्र ने कई मूवीज में किया साथ काम
बॉलीवुड अदाकारा ने ये भी कहा कि अगर दिलीप कुमार जी ऐसा न करते तो मैं शायद कभी भी एक्ट्रेस न बन पाती. बूंद जो बन गए मोती के बाद से जितेंद्र और मुमताज ने साथ में जिगरी (1969), मां और ममता, खिलौना (1970) एक नारी एक ब्रह्मचारी, चाहत और कठपुतली (1971), रूप तेरा मस्ताना (1972) और नागिन (1976) जैसी कई फिल्मों में साथ काम किया.