मुमताज 60 और 70 के दशक की हिंदी सिनेमा की सबसे दिग्गज अभिनेत्रियों में गिनी जाती हैं. उन्होंने छोटी-सी भूमिकाओं से शुरुआत की लेकिन अपनी मेहनत, अभिनय और बिंदास अंदाज से सुपरस्टार बन गईं. अपनी पीढ़ी के लगभग हर बड़े हीरो के साथ उन्होंने सुपरहिट फिल्में दीं, और अपने दौर की सबसे पॉपुलर ऑन-स्क्रीन जोड़ीदार मानी गईं, करियर के सुनहरे समय में उन्होंने शादी कर फिल्मों को अलविदा कह दिया, और आज भी उनकी सुंदरता और व्यक्तित्व की चर्चा होती है.
मुमताज का जन्म 31 जुलाई 1947 को मुंबई में हुआ था. मुमताज अपनी शादी के बाद मुमताज माधवानी के नाम से जानी जाती हैं.
उन्होंने 1958 में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना करियर शुरू किया और शुरुआती दौर में बी-ग्रेड एक्शन और स्टंट फिल्मों में छोटी भूमिकाएं निभाईं.
1969 की “दो रास्ते” और 1970 की “खिलौना” उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुईं, जिसने उन्हें सीधा हिंदी सिनेमा की टॉप हीरोइन बना दिया.
राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी बेहद मशहूर रही, दोनों ने साथ में 10 से अधिक सुपरहिट फिल्में दीं और दर्शकों के दिलों में जगह बनाई. कहते हैं कि राजेश खन्ना को मुमताज बहुत पसंद थीं और जब उनकी शादी की खबर उन्हें मिली तो वे बहुत रोए थे.
उनके करियर में “अपना देश”, “रोटी”, “आप की कसम”, “लफंगे”, “चोर मचाए शोर” जैसी कई हिट फिल्में शामिल हैं, जिनमें उनकी अदाकारी और स्क्रीन प्रेज़ेंस लाजवाब रही.
1974 में उन्होंने लंदन के मशहूर बिजनेसमैन मयूर माधवानी से शादी की और शादी के बाद फिल्मों से दूरी बना ली. मुमताज खुद कई इंटरव्यू में बता चुकी हैं कि उनके पति का शादी के बाद भी बाहर अफेयर रहा था. हालांकि इसके बावजूद उन्होंने उन्हें माफ कर दिया था.
मुमताज की दो बेटियां हैं- नताशा माधवानी (जिनकी शादी अभिनेता फरदीन खान से हुई) और तान्या माधवानी, जो अपने परिवार के साथ विदेश में रहती हैं.
शादी के बाद उन्होंने पूरी तरह फैमिली लाइफ पर ध्यान दिया और इंडस्ट्री से दूरी बना ली, जिससे उनकी अचानक गायब हो जाने पर फैन्स को अफसोस हुआ.
1990 में “आंधियां” फिल्म के साथ उन्होंने फिल्मों में वापसी की कोशिश की, लेकिन यह फिल्म दर्शकों को खास पसंद नहीं आई और उन्होंने दोबारा एक्टिंग नहीं की.
]“खिलौना” के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला, और 1996 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जिससे उनका नाम हमेशा बॉलीवुड के सुनहरे दौर में दर्ज हो गया.