आज का जमाना बहुत ही अलग हो चुका है. इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस दौड़ते भागते जमाने में कभी कोई हमारा फेवरेट होता है तो कभी कोई. हर कोई इंस्टाग्राम के जरिए इंटरनेट पर अपनी पर्सनल लाइफ की किताब खोले बैठा लेकिन 70 और 80 के दशक का दौर कुछ और ही था. उस वक्क फैन्स सोशल मीडिया पर फॉलो नहीं करते थे बल्कि पोस्टर और तस्वीरें इकट्ठा किया करते थे. किसी तस्वीर पर स्टार का ऑटोग्राफ क्या मिल जाए फिर तो वो जिंदगीभर की याद बन जाया करती थी. यही वजह थी कि पहले स्टार्स को देखने के लिए उनकी एक झलक के लिए लाखों की भीड़ उमड़ती थी. देव आनंद के ब्लैक सूट पर बैन यूं ही नहीं लगा था. आज हम आपको उसी दशक की एक एक्ट्रेस के बारे में बताने वाले हैं जिसने ऐसे ही फैन्स के साथ होने वाले एन्काउंटर को लेकर खुलकर बात की.
मुंह बनाकर बैठ जाया करती थीं मौसमी चटर्जी !
मौसमी चटर्जी गाड़ी में मुंह बनाकर बैठ जाया करती थीं. ये पढ़कर आपको लग रहा होगा कि ये कैसी एक्ट्रेस है और ये ऐसा क्यों करती थी ? लेकिन आप पूरी बात सुनेंगे तो शायद उनकी परेशानी भी समझ पाएं. मौसमी चटर्जी ने ये बात प्रसार भारती के साथ एक इंटरव्यू में बताई थी. एकंर के सवाल पर जवाब देते हुए मौसमी ने कहा, कई बार क्रॉसिंग पर गाड़ी रुक जाती है. मुझे ऐसा लगता है कि मैं कोई जानवर हूं और सब शीशे में गाड़ी में हाथ मारते थे कौन है? कौन है? जब कि वो पहचान ना ले. ऐसे में या तो मुझे हंस के दिखाना पड़ता था कि मैं मौसमी चटर्जी हूं. या मैं ऐसे फेस बनाकर बैठ जाना पड़ता था कि मैं कोई नहीं हूं. फिर देखकर लोग यही कहते थे ये आर्टिस्ट नहीं है रे उसकी मेड हो मेड. ये किस्सा सुनाते हुए मौसमी खुद ही हंस पड़ीं.