इंडियन सिनेमा अपने सदाबहार गानों से भी दुनियाभर में पॉपुलर है. हिंदी फिल्मों के गानों की बात करें तो लोग आज भी क्लासिकल गानों को सुनते हैं. हिंदी सिनेमा के गुजरे जमाने में एक से एक बेहतरीन गायक रहे हैं, जिन्होंने अपनी मधुर और दिल को छू जाने वाली आवाज से सिनेमा को संगीतमय बनाया है. आज के समय में कई गाने बन रहे हैं और हिट भी हो रहे हैं, लेकिन पुराने गानों की जगह टस से मस नहीं हुई है. लोगों की पहली पसंद आज भी मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश, मन्ना डे और हेमंत कुमार साहब के गाने सुनने की है. इस तस्वीर में आवाज के ये 5 सौदागर हिंदी सिनेमा को वो सदाबहार गाने देकर जा चुके हैं, जो रह-रहकर इनकी याद दिलाते हैं.
एक ही फ्रेम में संगीत की दुनिया के 5 नगीने
इस एडिटिंग तस्वीर में हिंदी सिनेमा के संगीत के वो 5 नगीने दिख रहे हैं, जो कभी साथ में ऐसी तस्वीर नहीं क्लिक करवा सके. ये पांचों दिग्गज गायकी के अपने-अपने हुनर के लिए मशहूर रहे हैं. रफी साहब विनम्र, किशोर दा की सहजता और अट्रैक्टिव प्रेजेंटेशन, मुकेश की आत्मा को छूने वाली आवाज, मन्ना डे की शास्त्रीय संगीत को लेकर गहरी समझ और हेमंत कुमार साहब के शांतिपूर्ण सॉन्ग ने लोगों को खुद से जोड़े रखा है, हालांकि सबकी शैलियां अलग-अलग थीं, लेकिन जो चीज उन्हें एक साथ बांधती थी वह थी शालीनता, बिना किसी असुरक्षा के एक-दूसरे की सराहना करने की क्षमता, कला को अहंकार से परे रखना और इस दौर में कोई कंपटीशन भी नहीं था, केवल गानों के प्रति इनमें सुरताल और एक जुनून था.
जब किशोर ने गाया था रफी का गाना
रफी और किशोर कुमार एक किस्सा हम आपको बताते हैं. यह बात है फिल्म 'एक बार मुस्कुरा दो' के सॉन्ग 'तू औरों की क्यों हो गई' की. इस गाने को ओपी नय्यर ने संगीत दिया था और वह इसे मोहम्मद रफी के पास लेकर गए थे, लेकिन बाद में इस गाने को किशोर कुमार ने गाया. किशोर कुमार ने भी फिल्म में गाना डालने से पहले ओपी नय्यर से अनुरोध किया कि पहले वे इसे रफी साहब को सुनाएं. जब रफी साहब ने इस गाने को सुना तो उन्होंने कहा कि किशोर का गाया गाना ही फिल्म में लें और उन्होंने किशोर कुमार की खूब तारीफ भी की थी.