कभी 75 रुपये देकर दोस्त संग रूम शेयरिंग में रहता था यह एक्टर, बना सुपरस्टार तो इसी रूममेट के किरदार को परदे पर जिंदा कर जीता अवॉर्ड

फिल्म कलाकारों की लाइफ जितनी चकाचौंध भरी दिखती है, उसके पीछे उतना ही लंबा संघर्ष होता है. तभी मिथुन चक्रवर्ती ने संघर्ष के दिनों के अपने रूममेट के किरदार को जब परदे पर जिंदा किया तो उसी ने उनको फिल्मफेयर पुरस्कार दिलवा दिया.

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मिथुन चक्रवर्ती ने दोस्त को देखकर गढ़ दिया था यह किरदार
नई दिल्ली:

मिथुन चक्रवर्ती और अमिताभ बच्चन के करियर की एक ऐसी फिल्म है जिसमें दोनों ने यादगार किरदार किए. हिंदी सिनेमा में इस फिल्म को कल्ट फिल्म के नाम से पहचाना जाता है. जब इसका रीमेक बना तो यह सुपरहिट भी रही है. लेकिन ओरिजिनल फिल्म 1990 में रिलीज हुई थी और फ्लॉप साबित हुई थी. उम्मीद है आप फिल्म का नाम समझ हो गए होंगे. हम बात कर रहे हैं अग्निपथ फिल्म की. इस फिल्म को मुकुल एस आनंद ने डायरेक्ट किया था और इसके प्रोड्यूसर यश जौहर थे. फिल्म में अमिताभ बच्चन ने विजय दीनानाथ चौहान का किरदार निभाया था जबकि मिथुन चक्रवर्ती ने उनके दाएं हाथ कृष्णन अय्यर एमए का किरदार निभाया था. मिथुन का यह किरदार खूब पॉपुलर हुआ था और मजेदार यह कि फिल्म में उन्हें लेकर एक गाना भी था.

मिथुन ने दोस्त पर ही बना दिया किरदार

लेकिन आप जानते हैं कि अग्निपथ का मिथुन चक्रवर्ती का कृष्णन अय्यर एमए का किरदार असल जिंदगी से प्रेरित था. जी हां, आईएमडीबी के मुताबिक मिथुन का यह आइकॉनिक किरदार स्ट्रगल के दिनों के उनके एक रूममेट से प्रेरित था. बताया जाता है कि अपने संघर्ष के दिनों में मिथुन चक्रवर्ती रूम शेयरिंग में अपने दोस्त डेवियो के साथ रहते थे. वो कमरे के 150 रुपये दिया करता था जबकि मिथुन 75 रुपये देते थे. इसकी वजह यह थी कि मिथुन के पास बेड नहीं था और डेवियो के पास बेड था. इस तरह मिथन जमीन पर सोया करते थे. जब डेवियो काम पर  होते तो मिथुन उनके बिस्तर पर सो जाते थे और जब डेवियो लौटता तो वह मिथुन को खूब भला-बुरा कहता. यह वाकया मिथुन को याद रहा और उन्होंने अग्निपथ फिल्म में डेवियो के किरदार को जिंदा कर दिया. बेशक अग्निपथ फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी नहीं मिली लेकिन यह हिंदी की यादगार फिल्मों में गिनी जाती है.

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मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी सफर

मिथुन चक्रवर्ती के वर्क फ्रंट की बात करें तो उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1976 में आई मृग्या फिल्म से की थी. इसके लिए उन्होंने बेस्ट एक्टर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता था. लेकिन मिथुन को जबरदस्त लोकप्रियता मिली 1982 में आई उनकी फिल्म डिस्को डांसर से. फिल्म ना सिर्फ भारत में ब्लॉकबस्टर रही बल्कि उस समय के सोवियत रूस में भी फिल्म ने काफी लोकप्रियता हासिल की. इस तरह मिथुन चक्रवर्ती का एक्टिंग करियर चल निकला और उन्होंने एक के बाद एक कई सुपरहिट फिल्में दीं. डिस्को डांसर की वजह से ही उन्हें जिमी नाम से भी पहचाना जाता है.

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अग्निपथ के किरदार के लिए मिथुन चक्रवर्ती ने जीता पुरस्कार

यही नहीं बेशक अग्निपथ फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई करिश्मा नहीं कर सकी थी. लेकिन मिथुन चक्रवर्ती ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार जरूर जीत लिया था. इसके अलावा मिथुन ने 1992 में तहादर कथा और 1998 में स्वामी विवेकानंद के लिए भी राष्ट्रीय पुरस्कार जीते. मिथुन हिंदी, बंगाली, ओडिया, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और पंजाबी में लगभग 350 फिल्में कर चुके हैं.

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