दिग्गज एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. सिनेमा में भारत के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित होने पर अपने अविश्वास को शेयर करते हुए उन्होंने हाल ही में इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में अपने करियर के शुरूआती दिनों के बारे में बात की. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि अपनी पहली फिल्म मृगया की रिलीज के बाद राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद, वह घमंडी हो गए थे. जबकि उन्हें एक प्रोड्यूसर ने उनके एटीट्यूड को देखते हुए बाहर का रास्ता भी दिखाया था.
एक्टर ने अपने स्ट्रगर के बारे में बात करते हुए कहा, ये सफर बहुत कठीन था. कई लोग मुझे कहते हैं कि मैं बायोग्राफी क्यों नहीं बनाता. मैं कहता हूं नहीं क्योंकि मेरी स्टोरी लोगों को इंस्पायर नहीं करेगा. उनको नैतिक रूप से डाउन कर देगा. जो यंग लड़के स्ट्रगल करते हैं उनका हिम्मत तोड़ देगा. यह बहुत कठीन और घांव पहुंचाने वाला और दर्दनाक है. मैं कोलकाता की सड़कों से आया और मुंबई मेरे लिए बहुत कठिन था. किसी दिन मुझे खाना नहीं मिला. कभी मुझे फुटपाथ पर सोना पड़ा.
नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद घमंडी होने की बात को याद करते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, मृगया के बाद मुझे पहले नेशनल अवॉर्ड मिला. जो होता है. मैं अल पचीनो की तरह एक्टिंग करने लगा. ऐसा लग रहा था कि मैं बहुत महान एक्टर हूं. मेरा एटिट्यूड चेंज हो गया तो प्रोड्यूसर ने देख के बोला चले जाओ. तब मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ.
बता दें, दादा साहब फाल्के चयन जूरी ने दिग्गज एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके प्रतिष्ठित योगदान के लिए पुरस्कार देने का फैसला किया है, जो कि 8 अक्टूबर, 2024 को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा. इस खबर के सामने आने के बाद फैंस और सेलेब्स का प्यार सुपरस्टार को मिल रहा है.