मिथुन चक्रवर्ती की 29 फिल्में, जिन्होंने नहीं देखा सिनेमाघरों का चेहरा, कोई अनाउंस होकर ठंडे बस्ते में गई तो रिलीज से पहले ही हो गई बंद

मिथुन चक्रवर्ती ने अपने दौर में तीन सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. इसके बावजूद उनकी दर्जनों ऐसी फिल्में हैं जो किन्हीं कारणों से बॉक्स ऑफिस तक नहीं पहुंच पाईं.

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मिथुन चक्रवर्ती की वो फिल्में जो कभी रिलीज ही नहीं हो पाईं
नई दिल्ली:

70 के दशक में बॉलीवुड में एक ऐसा सितारा चमका जो कई दशकों तक अपनी चमक बिखेरता रहा. उसका स्टाइल, अंदाज और शानदार एक्टिंग का जादू लाखों करोड़ों दिलों पर चला. जी हां यहां बात हो रही है हरफनमौला और टैलेंटेड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती की. सत्तर के दशक में अपनी पहली ही फिल्म मृगया के जरिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले मिथुन चक्रवर्ती ने ढेर सारी फिल्मों में काम किया है और अपने दौर की लगभग हर हीरोइन के साथ वो दिखे हैं. लेकिन फिर भी मिथुन की ढेर सारी फिल्में बनने के बावजूद लोगों तक नहीं पहुंच पाई हैं. हम बात कर रहे हैं मिथुन चक्रवर्ती की उन फिल्मों की जो अनाउंस होने औऱ बनने के बावजूद बॉक्स ऑफिस की शक्ल नहीं देख पाईं. चलिए आज मिथुन दा की ऐसी ही फिल्मों के बारे में जानते हैं. 

 मिथुन चक्रवर्ती की वो फिल्में जो नहीं हो पाईं रिलीज

मिथुन चक्रवर्ती को लेकर 1985 में बनी फिल्म मोहब्बत और मुकद्दर में ढेर सारे सितारे थे. लेकिन किन्हीं वजहों से ये फिल्म रिलीज नहीं हो पाई. 1977 में फिल्म पुर्नमिलन (सारिका के साथ), 1977 में आनन्द मय (सारिका के साथ), 1987 में गोविंदा के साथ अनाम फिल्म, 1997 में वक्त का फैसला (महानायक), 1998 में परमेश्वर, 1985 में रैंबो , 1980 में रुत आए रुत जाए (सिंपल कपाड़िया के साथ) , 1983 में लुच्चा लफंगा, 1992 में जेबा बख्तियार के साथ अनाम फिल्म, 1991 में फिल्म शोबिज (अमृता सिंह), 1989 में गंगा पहलवान, 1995 में स़ड़कछाप. 1981 में जॉन जानी जर्नादन, 1992 में काला साम्राज्य (रीना राय), 1995 में जालिम जमाना, 1988 में अमीरो का दुश्मन, 1992 में क्रांतिकारी (जयाप्रदा के साथ), 1988 में रिश्ता (माधुरी दीक्षित के साथ)1989 में दुश्मन सुहाग का (रेखा के साथ), 1983 में तालीम (मुनमुन सेन के साथ), 1981 में कसम से, 1981 में इश्क मोहब्बत प्यार (जरीना बहाव के साथ ), 1979 में जन्म औऱ कर्म,1978 में मर्डर इन ट्रेन (काजल किरण के साथ), 1979 में मुन्ना मुन्नी और मां, 1979 में भगिनी (शर्मिला टैगोर के साथ), 1992 में दानवीर (मधु के साथ), 1980 में सौ दिन सास के (रीना राय के साथ) जैसी फिल्में अनाउंस हुई और कुछ तो कई रील तक बन भी गई लेकिन आखिरकार ये रिलीज नहीं हो पाईं.

 मिल चुका है डांसिंग स्टार का दर्जा

आपको बता दें कि मिथुन ने अपनी एक्टिंग के दम पर तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है. वो इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा फिल्में करने वाले एक्टरों में गिने जाते हैं.  मिथुन दा ने हिंदी के साथ साथ उड़िया, बांग्ला और भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया है. अपने दौर में शानदार डांस करके डांसिंग स्टार का दर्जा पाने वाले मिथुन छोटे पर्दे पर भी शानदार तरीके से नजर आए और उनकी भूमिका को काफी सराहा गया. अस्सी के दशक में उनकी फिल्म डिस्को डांसर ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. अस्सी के दशक से लेकर अब तक मिथुन लगातार स्क्रीन पर दिखते रहे हैं और हालिया सालो में वो डांस रियलटी शो में बतौर जज की भूमिका में टीवी पर काफी लोकप्रिय हुए.

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