इंडस्ट्री के बड़े-बड़े सुपरस्टार भी कभी कभी बहुत ही इन्सिक्योर हालात में रहे हैं. जिन्होंने दशकों तक हमें एंटरटेन किया और आज भी कर रहे हैं...कभी वे भी ऐसे हालात में फंसे हैं जहां उनके लिए आगे बढ़ना किसी चुनौती से कम नहीं था. यहां एक टैलेंटेड एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं जिन्हें इंडियन सिनेमा में उनके अपार योगदान के लिए पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. इस नेशनल अवॉर्ड विनर, मल्टी टैलेंटेड एक्टर ने तमिल, मलयालम, हिंदी, तेलुगु, कन्नड़ और बंगाली समेत दूसरी भाषाओं में 230 से ज्यादा फिल्मों में बतौर लीड काम किया. अच्छे खासे स्टारडम और शौहरत के बावजूद एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने ने भारत छोड़ने का फैसला किया. हम जिस टैलेंटेड स्टार की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं बल्कि कमल हासन हैं.
जब कमल हासन एक फिल्म के लिए बुरे दौर से गुजरे
2013 में कमल हासन अपनी मच अवेटेड स्पाई एक्शन थ्रिलर विश्वरूपम की रिलीज की तैयारी कर रहे थे. इस फिल्म में कमल ने ना केवल एक्टिंग की बल्कि उन्होंने फिल्म को को-राइट, डायरेक्टर और प्रोड्यूस भी किया है. विश्वरूपम एक दो भाषा में बनी फिल्म थी जिसे तमिल और हिंदी में शूट किया गया था. विश्वरूपम की कहानी विश्वनाथन उर्फ विज़ (कमल) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक कायर शास्त्रीय नर्तक है, जिसका अतीत और विपरीत दोहरी पहचान है. फिल्म में राहुल बोस, शेखर कपूर, पूजा कुमार, एंड्रिया जेरेमिया, नासर और जयदीप अहलावत भी सपोर्टिंग रोल में थे. विश्वरूपम 25 जनवरी 2013 को दुनिया भर में रिलीज होने वाली थी लेकिन...
विश्वरूपम को कई विवादों का सामना करना पड़ा. युद्धग्रस्त अफगानिस्तान की पृष्ठभूमि में, मुसलमानों को जिस तरह से दिखाया गया उसने सभी का ध्यान खींचा. इस्लामिक संगठनों ने फिल्म में समुदाय को दिखाए जाने के तरीकेपर चिंता जताते हुए मांग की थी कि फिल्म की रिलीज से पहले इसकी स्क्रीनिंग की जानी चाहिए. उनकी मांग के बाद कमल ने उनके लिए फिल्म की एक स्पेशल स्क्रीनिंग की. रिपोर्टों के अनुसार तमिलनाडु मुस्लिम मुनेत्र कज़ाघम समेत इस्लामी संगठनों के लगातार लगाए गए आरोपों के चलते तमिलनाडु सरकार ने भारतीय आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत फिल्म की स्क्रीनिंग को 15 दिनों के लिए रोक दिया था.
जब कमल हासन ने दी भारत छोड़ने की धमकी
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से मंजूरी मिलने के बावजूद, विश्वरूप को तमिलनाडु में बैन कर दिया गया था. कमल सरकारी प्रतिबंध को वापस लेने की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय गए लेकिन फैसले को दो बार आगे बढ़ाया गया. निराश कमल ने अपने अलवरपेट स्थित घर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और एक कहा, "अगर एक फिल्म देश की एकता के लिए खतरा पैदा कर रही है तो मैं यहां कहता हूं, मेरी संपत्ति ले लो, मैंने यह सब सिनेमा से अर्जित किया है." बता दें कि कमल ने विश्वरूपम के लिए फंड जुटाने के लिए अपना घर तक गिरवी रख दिया था.