महजबींन बानो यानी मीना कुमारी को भारतीय सिनेमा की ट्रेजेडी क्वीन कहा जाता है. उनकी लाइफ सभी के सामने रही. पति कमाल अमरोही, जो कि एक स्क्रीन राइटर थे. से अंतहीन यातनाएं सहने से लेकर धर्मेंद्र द्वारा दिल टूटने तक, उन्होंने अपना सबकुछ उन लोगों को दे दिया था जिनसे वे प्यार करती थीं. लेकिन उन्हें बदले में वह प्यार नहीं मिला. कुछ आलोचकों ने उन्हें 'ऐतिहासिक रूप से अतुलनीय' एक्ट्रेस बताया था क्योंकि उनका करियर शानदार रहा था, जिसमें उन्होंने 33 साल के करियर में लगभग 92 फिल्मों कीं. लेकिन उनके सफल करियर को एक्ट्रेस की पर्सनल लाइफ ने फीका कर दिया और 31 मार्च, 1972 का दिन था जब 38 साल की छोटी सी उम्र में चल बसीं.
मीना कुमारी के लिए नरगिस का खत
उनके चाहने वालों में एक्ट्रेस नरगिस भी थीं, जो उनकी खास दोस्त थीं. ट्रैजेडी क्वीन के अंतिम बिदाई देते हुए उन्होंने कहा, मीना कुमारी मौत मुबारक हो. एक उर्दू मैग्जीन में छपे आर्टिकल में नरगिस ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी दोस्त के लिए ऐसा क्यों कहा. एक्ट्रेस ने मीना कुमारी के दिल टूटने वाले मैसेज को देते हुए कहा, " मौत मुबारक हो' यह मैंने पहले कभी नहीं कहा. मीना, आज तुम्हारी बाजी (बड़ी बहन) तुम्हें तुम्हारी मौत पर बधाई देती है और कहती है कि तुम फिर कभी इस दुनिया में कदम मत रखना. यह जगह तुम्हारे जैसे लोगों के लिए नहीं है."
मीना कुमारी से नरगिस की पहली मुलाकात
आगे आर्टिकल में एक्ट्रेस ने उस किस्से का जिक्र किया जब वह गहरे दोस्त बन गए. उन्होंने कहा, "मैं चुप रहूंगी की शूटिंग के दौरान, मेरे पति (सुनील दत्त) ने मुझे बच्चों के साथ सेट पर बुलाया. वहां मीना और मैं बहुत अच्छे दोस्त बन गए. जब मैं दत्त साहब के साथ डिनर के लिए गई, तो मीना ने अपनी मर्जी से संजय और नम्रता की देखभाल की, उनके कपड़े बदलने से लेकर उनके लिए दूध बनाने तक का काम किया."
मीना कुमारी पर हिंसा होते देख नरगिस को आया था गुस्सा
मीना कुमारी की तबीयत का जिक्र करते हुए नरगिस ने कहा, "एक रात मैंने उसे बगीचे में हांफते हुए देखा, मैंने उससे कहा, तुम आराम क्यों नहीं करती, बहुत थकी हुई लग रही हो. उसने कहा, "बाजी, आराम करना मेरे नसीब में नहीं है. मैं बस एक बार आराम करूंगी." उस रात उसके कमरे से मारपीट की आवाज़ें आ रही थीं. अगले दिन मैंने देखा कि उसकी आंखें सूजी हुई थीं. मैंने कमाल अमरोही के सचिव बाक़र को पकड़ा और उससे सीधे शब्दों में कहा, "तुम लोग मीना को क्यों मारना चाहते हो? उसने तुम्हारे लिए बहुत काम किया है, वह कब तक तुम्हें खाना खिलाएगी?" उसने कहा, जब सही समय आएगा, हम उसे आराम देंगे."
पति के सेक्रेटरी ने उठाया था मीना कुमारी पर हाथ
आगे एक्ट्रेस ने कहा, "कुछ समय बाद मैंने सुना कि वह कमाल साहब के घर से चली गई है. उसका बाकर से बहुत झगड़ा हुआ और फिर उसने कमाल अमरोही के घर में कदम नहीं रखा...जल्द ही, शराब ज्यादा पीने से उसका लीवर कमजोर हो गया. जब मैं नर्सिंग होम में उससे मिलने गई, तो मैंने उससे पूछा, "तुम आजाद हो, लेकिन ऐसी आजादी का क्या फायदा जब तुम खुद को मारने पर आमादा हो?" उसने जवाब दिया, "बाजी, मेरे सब्र की एक सीमा है. कमाल साहब के सेक्रेटरी ने मुझ पर हाथ उठाने की हिम्मत कैसे की? जब मैंने शिकायत की, तो कमाल साहब ने क्या किया, कुछ नहीं किया. अब मैंने तय कर लिया है कि मैं उनके पास वापस नहीं जाऊंगी."
कोमा में रहने के बाद हुई मौत
जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि मीना कुमारी की हालत इतनी बिगड़ गई थी कि डॉक्टर ने उन्हें कहा था कि शराब पीने से उनकी जान जा सकती है. हालांकि शराब छोड़ने के बावजूद उनकी हालत खराब रही. जबकि एक्ट्रेस की आखिरी फिल्म पाकीजा के रिलीज के महीने भर बाद वह अस्पताल में भर्ती हुईं और दो दिन तक कोमा में रहने के बाद उनकी मौत हो गई. इसी को याद करते हुए नरगिस ने लिखा, "वह कहती थी, "अकेलापन मेरी किस्मत है. मुझे खुद पर दया नहीं आती और न ही आपको आनी चाहिए."