मराठी सिनेमा की जानी मानी एक्ट्रेस दया डोंगरे का निधन हो गया है. उन्होंने 85 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा. दया ने थियेटर से लेकर सीरियल और फिल्मों तक हर जगह अपने अदाकारी की छाप छोड़ी. वो अपने नेगेटिव किरदारों के लिए बहुत मशहूर थीं. दया ने हिंदी फिल्मों में भी काम किया. 1992 में वो आमिर खान और जूही चावला के साथ दौलत की जंग में नजर आई थीं. दया केवल एक शानदार एक्ट्रेस ही नहीं बल्कि सिंगर भी थीं.
सिंगिंग के लिए मिली स्कॉलरशिप
दया के अचानक निधन से मराठी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है. उन्हें उनकी कला और टैलेंट विरासत में मिली थी. दया की मां यमुनाबाई मोदक एक मशहूर डांसर थीं. उनकी मौसी शांताबाई मोदक एक गायिका थीं. उनके परदादा कीर्तनकार थे. स्कूल के दिनों से वह अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेती थीं. कुछ समय बाद उन्होंने एनएसडी से ड्रामा की ट्रेनिंग ली. यहां उन्हें एक्टिंग और सिंगिंग के लिए स्कॉलरशिप मिली. शुरुआत में दया संगीत की दुनिया में ही करियर बनाना चाहती थीं. लेकिन एक्टिंग में अलग-अलग मौके मिले और वो आगे बढ़ती गईं.
नेगेटिव किरदार बने पहचान
दूरदर्शन के शो गजरा से उन्हें घर घर में पहचान मिली. उन्होंने कड़क और चालाक सास वाले कई रोल किए और इस अंदाज में कि लोग उन्हें वाकई ऐसा समझने लगे. इस वजह से उन्हें इसी तरह के कई किरदार मिले और ये उनकी पहचान भी बने. शुरुआत की बात करें तो दया ने मराठी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत फिल्म उम्बरथा से की थी.