फिल्म मेरा नाम जोकर को री-एडिट करना चाहते थे मनोज कुमार, बिना क्रेडिट लिए फिल्म में किया था ये जरूरी काम

मेरा नाम जोकर का रनटाइम 4 घंटे से अधिक था और फिल्म को दो इंटरवल के साथ रिलीज किया गया था. मनोज कुमार ने फिल्म में एक छोटी भूमिका भी निभाई थी.

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फिल्म मेरा नाम जोकर को री-एडिट करना चाहते थे मनोज कुमार
नई दिल्ली:

मनोज कुमार, जिन्हें देशभक्ति की फिल्मों करने के कारण भारत कुमार के नाम से जाना जाता था, शोमैन राज कपूर के बहुत अच्छे दोस्त थे. हाल ही में एक इंटरव्यू में, मनोज के बेटे कुणाल गोस्वामी ने राज कपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर को याद किया, जिसने उन्हें दिवालिया होने की कगार पर ला दिया था. कुणाल ने बताया कि मनोज ने राज कपूर को प्रस्ताव दिया था कि वह फिल्म के दूसरे भाग को एडिट करेंगे. मेरा नाम जोकर का रनटाइम 4 घंटे से अधिक था और फिल्म को दो इंटरवल के साथ रिलीज किया गया था. मनोज ने फिल्म में एक छोटी भूमिका भी निभाई थी.

अपने YouTube चैनल पर विक्की लालवानी के साथ बातचीत में, कुणाल ने कहा कि यह फिल्म मनोज कुमार के दिल के उतनी ही करीब थी जितनी राज कपूर के लिए थी. कुणाल से पूछा गया कि क्या मनोज ने फिल्म के एक हिस्से को डायरेक्ट किया था. जवाब में उन्होंने कहा कि राज कपूर ने ही फिल्म को शुरू से आखिर तक डायरेक्ट किया, लेकिन एडिट के बारे में दोनों सितारों के बीच बातचीत हुई.

उन्होंने कहा, "राज साहब और पिताजी के बीच कुछ बातचीत हुई थी. पिताजी ने उनसे कहा था कि आप मुझे फिल्म के दूसरे हिस्से को एडिट करने की अनुमति दें ताकि हम फिल्म का शेप बदल सकें. लेकिन मुझे नहीं पता कि ऐसा हुआ या नहीं. पिताजी ने मुझे बताया कि यह चर्चा एडिट करने को लेकर हुई थी, निर्देशन के बारे में नहीं," उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, "वह (मनोज) निर्देशन क्यों करेंगे? राज साहेब एक महान डायरेक्टर थे. पिताजी उनका सम्मान करते थे, वे हमेशा उनसे प्रभावित रहते थे."

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मनोज ने की थी राज कपूर की तारीफ

मुंबई मिरर के साथ एक पुराने इंटरव्यू में, मनोज ने खुलासा किया कि उन्होंने मेरा नाम जोकर में अपने किरदार के लिए कुछ लाइन्स लिखी थीं. उन्होंने कहा, "इस तीन-कहानी वाली फिल्म की पहली कहानी पर मैंने फिर से काम किया, लेकिन मैंने इसे नाम, शोहरत या पैसे के लिए नहीं किया. मैंने अपनी यात्रा और होटल में ठहरने का खर्च उठाया और लेखक के तौर पर श्रेय लेने से इनकार कर दिया. मेरा नाम जोकर कर्मयोगी राज कपूर को मेरी श्रद्धांजलि थी. उर्दू में 'आवारा' का मतलब 'खुशबू' होता है और आज भी राज कपूर की 'खुशबू' हमारी इंद्रियों को भर देती है." 

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