मनोज बाजपेयी ने अपने काम से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. हालांकि, अभिनेता ने हाल ही में खुलासा किया कि उनकी पत्नी शबाना रज़ा उर्फ नेहा को यह बात हैरान करती है कि वह इंडस्ट्री में कैसे इतने लंबे समय तक रह पाए.जब उनसे उनकी सफलता का राज़ पूछा गया, तो मनोज ने स्वीकार किया कि उनके पास भी इसका स्पष्ट जवाब नहीं है. उन्होंने बॉलीवुड बबल के साथ अपने 32 साल के करियर के बारे में अपनी पत्नी की राय साझा की. उन्होंने कहा कि नेहा ने एक बार इसे चमत्कार कहा था कि वह एक ऐसे उद्योग में फल-फूल रहे हैं जहां कई लोग लगातार संघर्ष कर रहे हैं. उन्हें हैरानी होती है कि अपरांपरागत फिल्में करने के बावजूद कैसे मनोज इस इंडस्ट्री में अब भी टिके हुए हैं.
मनोज का स्ट्रगल
बिहार के एक छोटे से गांव से आने वाले मनोज बाजपेयी को फिल्मों में काम पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में कई बार रिजेक्ट किए गए. आखिरकार उन्हें 1998 में राम गोपाल वर्मा की सत्या से बड़ा ब्रेक मिला. भीकू म्हात्रे का उनका किरदार बेहद पॉपुलर हुआ और उन्हें अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला.
निजी जीवन और शादी
निजी जीवन की बात करें तो, उन्होंने शबाना रज़ा से शादी की है, जिन्हें उनके स्क्रीन नाम नेहा से जाना जाता है. उन्होंने बॉबी देओल के साथ फ़िल्म 'करीब' से बॉलीवुड में शुरुआत की और फ़िज़ा, होगी प्यार की जीत और एहसास जैसी फ़िल्मों में नज़र आईं.
यह जोड़ा पहली बार 1998 में सत्या की रिलीज के तुरंत बाद एक पार्टी में मिला था. कुछ सालों तक डेटिंग करने के बाद, उन्होंने 2006 में एक निजी समारोह में शादी कर ली. वे एक बेटी, अवा नायला के माता-पिता हैं.