संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित वेबसीरीज 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' में दमदार एक्टिंग के बल पर डिजिटल डेब्यू करने वाली मनीषा कोइराला हर किसी के दिल में बसती हैं. इस बीच एक्ट्रेस जीवन और मृत्यु के रहस्य को समझना चाहती है. उन्होंने तिब्बती बौद्ध शिक्षक और लेखक योंगे मिंग्युर रिनपोछे के साथ जुड़कर इस रहस्य को गहराई से जानने की कोशिश की है. मनीषा कोइराला "बार्डो" के बारे में जानना चाहती थी. "बार्डो" तिब्बती बौद्ध धर्म में मृत्यु और पुनर्जन्म के बीच की स्थिति है, जिसका मतलब है मृत्यु और पुनर्जन्म क्या हैं और उनके बीच जीवन का असली अर्थ क्या है. इसी टॉपिक पर मनीषा कोइराला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपने अनुभव शेयर किए हैं.
मनीषा ने तिब्बती बौद्ध शिक्षक के साथ फोटोज पोस्ट की हैं. उन्होंने कैप्शन में लिखा, "मैं हमेशा से मृत्यु को समझना चाहती थी, मुझे लगा कि इसे सही मायने में समझने से शायद मेरा उससे डर भी दूर हो जाए. मेरी खोज मुझे "द तिब्बती बुक ऑफ लिविंग एंड डाइंग" तक ले गई, जहां एक पंक्ति ने मुझे गहराई से प्रभावित किया कि "तुम वैसे ही मरते हो जैसे तुम जीते थे."
मनीषा कोइराला ने बताया कि उनकी खोज तिब्बती बौद्ध शिक्षक और लेखक योंगे मिंग्युर रिनपोछे पर जाकर खत्म हुई, जिनकी क्लासेज के जरिए जीवन का सही लक्ष्य और मृत्यु और पुनर्जन्म के बीच की अवस्था का पता चला. उन्होंने लिखा, "मिंग्युर रिनपोछे एक दुर्लभ गुरु हैं, उनका आनंद, विनम्रता और स्पष्टता गहनतम ज्ञान को भी सरल और जीवंत बना देती है. वे केवल शब्दों के माध्यम से ही नहीं, बल्कि अनुभव के माध्यम से भी सिखाते हैं."
एक्ट्रेस के पोस्ट से साफ है कि उन्हें गहरे आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हुई है, जो उन्हें मृत्यु और जीवन के परे लेकर गया. बता दें कि मनीषा कोइराला धर्मगुरु दलाई लामा से भी मुलाकात करती रहती हैं. मनीषा कोइराला ने हाल ही में ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री ली है. उन्होंने अपने डिग्री सेरेमनी की वीडियो भी पोस्ट की थी. उन्होंने ये पढ़ाई सिर्फ डिग्री हासिल करने के लिए नहीं की बल्कि जीवन में मनुष्य के सीखते रहने की प्रवृत्ति को आगे बढ़ाने के लिए की थी. इसके अलावा एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर भी बहुत एक्टिव रहती हैं.
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