वो एक्ट्रेस जिसने मलयालम सिनेमा को दिलाया पहला नेशनल अवॉर्ड, 18 साल में की 37 फिल्में, 37 की उम्र में हुई रहस्यमयी मौत

मिस कुमारी ने अपनी पहली फिल्म में एक गाने में नजर आई थीं और वहीं से उनकी प्रतिभा को पहचान मिली थी. इसके बाद उन्हें फिल्मों के ऑफर आने लगे.

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वो एक्ट्रेस जिसने मलयालम सिनेमा को दिलाया पहला नेशनल अवॉर्ड
नई दिल्ली:

फिल्म में इंडस्ट्री में एक्ट्रेस का करियर सबसे पेचीदा होता है. फिल्म इंडस्ट्री में हीरो से ज्यादा शर्तें एक हीरोइन के लिए तैयार की गई हैं. इसलिए हीरोइन बनना और फिर अपनी इमेज को बनाए रखना एक अभिनेत्रियों के लिए सबसे बड़े चैलेंज में से एक हैं. अगर पीक करियर में एक्ट्रेस शादी कर लेती हैं, तो उनकी करियर खत्म माना जाता है, लेकिन एक्टर्स के साथ ऐसा नहीं है. बात करेंगे उस उस साउथ एक्ट्रेस की है, जिसने मलयालम सिनेमा को पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया था. इस अभिनेत्री ने अपने 18 साल के फिल्मी करियर में 34 फिल्में की और 37 साल की उम्र में 'रहस्यमयी' रूप से उनका निधन हो गया.  

कैसे हुई स्टार बनने की शुरुआत

नए फिल्म निर्माता कुंचाको ने अपना 'उदय फिल्म स्टूडियो' खोला. 1949 में, उन्होंने उदय स्टूडियो में पहली फिल्म, वेल्लिनक्षत्रम रिलीज की. पी ललिता देवी और गायक पीतांबरा स्टारर इस फिल्म में एक नई अभिनेत्री थ्रेसिअम्मा (मिस कुमारी) नजर आई थीं, जो फिल्म में सिर्फ एक गाने में दिखी थीं. इस गाने से उनकी किस्मत चमकी और उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ हुई और इसके बाद उन्हें कई फिल्में भी मिली. फिर उनका नाम बदलकर मिस कुमारी कर दिया गया और उन्हें उदय स्टूडियो की अगली फिल्म, नल्ला थंका (1950) में लीड रोल में देखा गया और इस तरह मलयालम सिनेमा में नई स्टार एक्ट्रेस का जन्म हुआ. मिस कुमारी कोट्टायम के भरानंगणम में 1932 में जन्मीं थीं. फिल्मों में आने से पहले वह एक टीचर थीं.

मलयालम सिनेमा को दिलाया पहला नेशनल अवॉर्ड

जहां मलयालम सिनेमा ने केरल के सामाजिक ताने-बाने पर बेस्ड कई नाटक बनाए. वहीं कुमारी ने अपनी कई फिल्मों में सोशल मुद्दों पर बात की, जिसमें चेची, आत्मसाखी और कंचना, शेरियो थेट्टो, बाल्या सखी और अवकाशी शामिल हैं. इन फिल्मों से उन्होंने खुद को एक सुपरस्टार की लिस्ट में खड़ा कर लिया. साल 1954 में ही रिलीज हुई फिल्म नीलकुयिल, जिसने मलयालम इंडस्ट्री को पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलवाया. मिस कुमार की खास फिल्मों की बात करें तो इसमें प्रेम नजीर की पॉपुलर फिल्म सीआईडी, किदाप्पदम अनियाथी, पादथा पेनकीली और रैंडीडांगाजी से लेकर आना वलार्थिया वानवडी (4 पूथली (1960), मुदियानया पुथरन (1961), श्री राम पट्टाभिषेकम (1962), सुशीला तक (1963) और स्नैपका योहन्नान (1963) शामिल हैं.

अचानक लगाया मौत को गले

मिस कुमारी ने साल 1961 में 29 की उम्र में शादी रचाई और सिनेमा से दूरी बना ली. दैवबयवुम सन्मार्ग बोदवुम थलिरिदुन्ना संतोषकरमाया कुदुम्बजीविथम' नामक टाइल आर्टिकल में एक्ट्रेस ने कहा था कि लोगों को 25 साल की उम्र के बाद ही शादी करनी चाहिए. उन्होंने कहा था, 'मुझे नहीं लगता कि फैमिली और फिल्मी करियर एक-दूसरे से मेल नहीं खाते, लेकिन समस्या यह है कि क्या फिल्म इंडस्ट्री में शादीशुदा महिला के लिए जगह बचती है?'. 10 जून 1967 को 37 साल की उम्र में एक्ट्रेस की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी.

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