महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ बनीं दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की सलाहकार बोर्ड सदस्य

भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित मंच दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) ने एक ऐतिहासिक घोषणा की है. बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ अब फेस्टिवल के सलाहकार बोर्ड से जुड़ गई हैं.

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महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ की फोटो
नई दिल्ली:

भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित मंच दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) ने एक ऐतिहासिक घोषणा की है. बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ (Maharani Radhikaraje Gaekwad) अब फेस्टिवल के सलाहकार बोर्ड से जुड़ गई हैं. इस जुड़ाव के साथ भारतीय फिल्म जगत में शाही विरासत और सांस्कृतिक दृष्टि का एक नया अध्याय शुरू हो गया है. महारानी राधिकाराजे की उपस्थिति फेस्टिवल की गरिमा को नई ऊंचाई देगी और भारत की कला, संस्कृति व सिनेमा को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाएगी.

दादासाहेब फाल्के जी की विरासत से प्रेरित यह फेस्टिवल वर्षों से भारतीय सिनेमा के दिग्गजों और नई प्रतिभाओं को सम्मानित करता आ रहा है. सलाहकार बोर्ड में पहले से ही कई प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं- कर्नल पी. सी. सूद (उपाध्यक्ष, हिंदुजा समूह), दत्ताराज सालगांवकर (अध्यक्ष, वी. एम. सालगांवकर कॉरपोरेशन), भावना मर्चेंट (संस्कृति विशेषज्ञ व पूर्व सेंसर बोर्ड सदस्य), मयंक श्रॉफ (हेड ऑफ फिल्म प्रोग्रामिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन, सिनेपोलिस इंडिया), और ज्योति बडेका (क्रिएटिव प्रोड्यूसर व पूर्व सेंसर बोर्ड सदस्य, सूचना और प्रसारण मंत्रालय).

DPIFF के सीईओ अभिषेक मिश्रा ने कहा, “हमें महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ का स्वागत करते हुए गर्व है. भारतीय संस्कृति के प्रति उनका समर्पण प्रेरणादायक है और उनके अनुभव से फेस्टिवल को नई दिशा मिलेगी.” लक्ष्मी विलास पैलेस की संरक्षक के रूप में महारानी राधिकाराजे भारतीय विरासत और कला के संरक्षण में सक्रिय रही हैं. उन्होंने कई सामाजिक और सांस्कृतिक अभियानों का नेतृत्व किया है. उनके जुड़ने से DPIFF भारतीय सिनेमा और संस्कृति के संगम को और मजबूती देगा.

वर्षों से DPIFF ने भारत के 15 से अधिक राज्यों की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हुए पर्यटन मंत्रालय के ‘इनक्रेडिबल इंडिया' और संस्कृति मंत्रालय के ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय' जैसे अभियानों का समर्थन किया है. यह फेस्टिवल अब एक वैश्विक सांस्कृतिक शक्ति के रूप में भारतीय सिनेमा की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है.


 

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