Madhubala 65 year old song in Ranveer Singh Dhurandhar: सलमान के साथ एक्शन से भरे ट्रेलर्स आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन ‘धुरंधर' का नया ट्रेलर जैसे ही मंगलवार को रिलीज हुआ, सोशल मीडिया पर धूम मचा दी. आदित्य धर की इस फिल्म में ड्रामा, थ्रिल, खून-खराबा और राजनीति का तगड़ा कॉम्बिनेशन तो है ही, पर असली झटका ट्रेलर के आखिरी 20 सेकंड में मिलता है. जैसे-जैसे वीडियो अपने क्लाइमेक्स की ओर बढ़ता है, रणवीर सिंह का ‘Wrath of God' वाला उग्र अवतार स्क्रीन पर छा जाता है. तभी एक धमाके के बाद बैकग्राउंड म्यूजिक अचानक बदल जाता है और एक पुराना सा, गूंजता हुआ ‘अलाप' शुरू होता है- और फिर सुनाई देता है, "ना तो कारवां की तलाश है…" जो दर्शकों के दिमाग में गूंजता ही रह जाता है.
क्लासिक ट्रैक की शानदार वापसी
ट्रेलर के अंत में इस्तेमाल किया गया यह गाना कोई नया कंपोज़िशन नहीं, बल्कि 1960 की फिल्म ‘Barsaat Ki Raat' का आइकॉनिक कव्वाली ट्रैक है, जिसे मन्ना डे, मोहम्मद रफी, आशा भोसले, सुधा मल्होत्रा और एसडी बटिश ने गाया था. प्लस ये गीत रोशन के संगीत और साहिर लुधियानवी की शायरी का ऐसा मेल था जिसने अपने समय में इतिहास रच दिया था. फिल्म में यह कव्वाली कहानी के टर्निंग पॉइंट पर चलती थी, जहां भावनाएं, शायरी और परफॉर्मेंस एक साथ चरम पर पहुंचते हैं.
‘धुरंधर' में पुरानी धुन का नया जादू
Aditya Dhar ने इस 65 साल पुराने गीत को एक बिल्कुल नए अंदाज में पेश किया है. रोमांटिक-सूफी भाव वाली यह धुन अब गुस्से, तनाव और राजनीतिक उथल-पुथल से भरी कहानी में एक अलग ही रहस्य और गहराई जोड़ती है. यह बदलाव इतना स्मूद है कि दर्शक इसे सुनकर एक पल के लिए थम जाते हैं- जैसे पुरानी यादें और नया सिनेमैटिक माहौल एक साथ टकरा गए हों.
दर्शकों के दिलों पर क्यों छोड़ा गहरा असर?
ट्रेलर देखने वालों का कहना है कि इस गाने का रीइमेजिन्ड वर्ज़न आउटडेटेड नहीं लगता, बल्कि आज की कहानी के लिए बिल्कुल फिट बैठता है. पुरानी धुन और नए एक्शन-पॉलिटिकल ट्रैक का ये संगम ट्रेलर को ऐसी ऊंचाई देता है कि रिलीज से पहले ही फिल्म चर्चा में आ गई है. लगता है ‘धुरंधर' सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं, बल्कि पुराने और नए सिनेमा की एक शानदार टक्कर भी साबित होगी.