Madgaon Express Movie Review In Hindi: बॉलीवुड के कई एक्टर ऐसे हैं जो बड़ी फिल्मों में नजर आए लेकिन बड़ा फिल्मी करियर नहीं बना सके. फिर उन्होंने डायरेक्शन में हाथ आजमाया. ऐसा ही एक नया नाम कुनाल केम्मू का है. कुनाल केम्मू ने एक्टिंग की दुनिया में करियर बनाने की खूब कोशिश की, लेकिन कामयाबी ने कदम नहीं चूमे. तो फिर इस एक्टर ने डायरेक्शन में किस्मत आजमाने का फैसला कर लिया. डायरेक्शन करने का फैसला किया तो उनका साथ देने आ गए फरहान अख्तर. तो कुनाल ने एक्सेल एंटरटेनमेंट के तहत मडगांव एक्सप्रेस का डायरेक्शन किया. यही वही प्रोडक्शन हाउस था जो दिल चाहता है, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा और फुकरे से ब्रोमांस वाली फिल्में बना चुका था. ऐसे में जाहिर था कि कुनाल केम्मू कुछ ऐसी स्टोरी लिखेंगे ही जिसमें ब्रोमांस होगा और कुछ तामझाम तो होगा ही. लेकिन मडगांव एक्सप्रेस देखने के बाद यही लगता है कि हम उस पैसेंजर ट्रेन से उतरे हैं जो हर स्टेशन पर रुकी है और एक्सप्रेस आने पर खूब वेट करवाया गया है.
'मडगांव एक्सप्रेस' की कहानी
मडगांव एक्सप्रेस की कहानी तीन दोस्तों दिव्येंदु, प्रतीक गांधी और अविनाश तिवारी की है. तीनों लंबे समय बाद मिलते हैं और अपना पुराना ख्वाब गोवा का सपना पूरा करने के लिए निकलते हैं. लेकिन लोचा उस समय हो जाता है जब ये लोग मडगांव एक्सप्रेस से गोवा के लिए निकलते हैं. आखिर वो क्या है जिसने उनके पूरे ट्रिप की दिशा ही बदल दी? आखिर तीनों इस मुसीबत से छुटकारा कैसे पाते हैं? फिल्म की कहानी में अच्छे कॉमिक पंच डाले हुए हैं. लेकिन इस टेक्स्चर वाली कई फिल्में देखी जा चुकी हैं. इस तरह का ब्रोमांस भी देखा हुआ लगता है. कहानी काफी खींची हुई भी लगती है. कुल मिलाकर यह एक्सप्रेस कहानी के मामले में काफी रुक-रुककर चलती है. कुछ हिस्सों में हंसाती है.
'मडगांव एक्सप्रेस' का डायरेक्शन
'मडगांव एक्सप्रेस' के जरिये कुनाल केम्मू ने शायद बॉलीवुड को यह दिखाने की कोशिश की है कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. फिर अपनी फिल्म हो तो डायरेक्टर के कई हक भी बनते हैं. उन्होंने अपने इन्हीं हकों का इस्तेमाल मडगांव एक्सप्रेस में खूब किया है. 'मडगांव एक्सप्रेस' के राइटर कुनाल, 'मडगांव एक्सप्रेस' के डायरेक्टर कुनाल, 'मडगांव एक्सप्रेस' में सिंगर कुनाल, 'मडगांव एक्सप्रेस' में संगीतकार कुनाल, अब आप खुद ही कुनाल के टैलेंट का अंदाज लगा सकते हैं, जिसकी अनदेखी बॉलीवुड ने अभी तक की और अपनी फिल्म से उन्होंने बॉलीवुड को जवाब देने की कोशिश की. लेकिन इतना टैलेंट दिखाने की बजाय अगर वह थोड़ा-सा और फोकस फिल्म की कसावट पर करते तो एक शानदार फिल्म दर्शकों को देखने को मिलती है. बाकी दर्शक फिल्म देखकर खुद ही समझ जाएंगे.
'मडगांव एक्सप्रेस' में एक्टिंग
'मडगांव एक्सप्रेस' में एक्टिंग एकदम एवरेज है. दिव्येंदु ने ठीक-ठाक काम किया है, और वह कॉमेडी में जमते भी हैं. लेकिन कुछ अनोखा नजर नहीं आता है. प्रतीक गांधी सधे हुए एक्टर हैं, कॉमेडी में कई पंच कमाल के हैं. लेकिन कई सीन्स में थोड़े आउट दिखते हैं. अविनाश तिवारी ने रोल में अच्छे से उतरने की कोशिश की है. तीनों की तिकड़ी कई सीन्स में अच्छी लगती है और कई सीन्स में थोड़ी तंग करती है. नोरा फतेही को जो कुछ भी करने को दिया गया, उन्होंने कर ही लिया.
'मडगांव एक्सप्रेस' में वर्डिक्ट
ब्रोमांस के शौकीन हैं, कॉमेडी फिल्में देखनी अच्छी लगती हैं और कुनाल केम्मू का हौसला बढ़ाना चाहते हैं तो इस फिल्म को एक बार जरूर देखा जा सकता है. अगर स्तरीय कॉमेडी देखते आए हैं, कुछ नया देखने का इरादा रखते हैं तो यह फिल्म जेब के लिए बोझ साबित हो सकती है.
रेटिंग: 2/5 स्टार
डायरेक्टर: कुनाल केम्मू
कलाकार: नोरा फतेही, दिव्येंदु, प्रतीक गांधी और अविनाश तिवारी