Maalik Movie Review: राजकुमार राव की मालिक सिनेमाघरों में हुई रिलीज, जानें कैसी है फिल्म

11 जलाई सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है, जिसमें राजकुमार राव का गैंगस्टर अवतार फैंस का दिल जीत रहा.  

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Maalik Review In Hindi: मालिक रिव्यू इन हिंदी
नई दिल्ली:

कास्ट – राजकुमार राव, मानुषी छिल्लर, सौरभ शुक्ला, प्रोशेनजीत, सौरभ सचदेव और स्पेशल अपीयरेंस में हुमा क़ुरैशी.
निर्देशक – पुलकित

कहानी

एक छोटे शहर की पृष्ठभूमि में बनी यह कहानी एक ऐसे शख्स की है जो हालात से लड़ते-लड़ते एक  गैंगस्टर बन जाता है, जिसे लोग ‘मालिक' के नाम से बुलाते है. अपनी पत्नी से वो बहुत प्यार करता है और उसका सपना है विधायक बनने का .

ख़ामियां

फ़िल्म ड्रैग करती है. कहानी कुछ जगहों पर बहुत खिंचती है. ऐसा लगता है जैसे कुछ दृश्य जबरन खींचे गए हों. इससे रफ्तार धीमी पड़ जाती है और दर्शक का ध्यान भटकने लगता है. प्रेडिक्टेबल है फिल्म में ज्यादा चौंकाने वाले मोड़ नहीं हैं. काफी कुछ पहले ही अंदाज़ा हो जाता है कि अब क्या होगा. इस वजह से रोमांच कम हो जाता है. राजकुमार के करैक्टर और अच्छे से गढ़ने की ज़रूरत थी. उनके किरदार को और गहराई दी जा सकती थी. आज जिस तरह का एक्शन सिनेमा चल रहा है, उसमें थोड़ा और हीरोइज़्म चाहिए था. राजकुमार जैसे मजबूत अभिनेता को अगर थोड़ा और दमदार अंदाज़ मिलता तो उनका किरदार ज़्यादा यादगार बन सकता था. इस तरह का टोन पहले भी काफ़ी देखा है. शिवा से लेकर सत्या जैसी फ़िल्में या फिर तिग्मांशु धुलिया का सिनेमा इस तरह के किरदार और ये पृष्ठभूमि पहले काफ़ी दिखा चुके हैं.

ख़ूबियां

फिल्म में स्क्रिप्ट के तौर पर ताना-बाना अच्छा बुना गया है जो दर्शकों को सीट पर बिठाए रखता है. कुछ जगह पर फिल्म खिंचती है, पर फिर भी स्क्रीनप्ले ठीक है, कुछ डायलॉग्स अच्छे हैं, हालांकि फिल्म की रफ्तार हर जगह एक जैसी नहीं है, लेकिन स्क्रीनप्ले में एक बहाव है. और हाँ, कुछ संवाद असर छोड़ते हैं. राजकुमार के साथ-साथ सभी कलाकारों का काम अच्छा है
राजकुमार मालिक के किरदार में जमते हैं. उनका अभिनय सधा हुआ है और एक्शन करते हुए भी वे नकली नहीं लगते. बाकी कलाकारों ने भी अपना काम ईमानदारी से किया है.

मानुषी बाकी फिल्मों से यहाँ बेहतर लगी हैं, उनका काम अच्छा है. मानुषी इस बार अपने अभिनय में ज़्यादा सहज और आत्मविश्वासी नज़र आती हैं. उनका किरदार सीमित होने के बावजूद उन्होंने ठीक निभाया है.

सिनेमेटोग्राफी अच्छी है, सिवाय इसके कि राजकुमार के शॉट्स में थोड़ी और हीरोइज़्म लाने की ज़रूरत थी
कैमरा वर्क अच्छा है — रंग, लाइट और लोकेशन की पकड़ मजबूत है.

केतन सोढ़ा का बैकग्राउंड ठीक है और गानों में सचिन-जिगर का संगीत अच्छा है. 
बैकग्राउंड स्कोर  कहानी के साथ मेल खाता है और सचिन-जिगर के गाने मेलोडियस हैं और ज़बान ओर टिकते हैं.

Advertisement

पैकेजिंग अच्छी हो और चीज़ पुरानी, तो किए कराए पर पानी फिर जाता है और वही इस फ़िल्म की मुश्किल है कि ये प्रेडिक्टेबल है.

स्टार-

Featured Video Of The Day
Sambhal में Yogi के Bulldozer Action का Bihar Elections 2025 का कनेक्शन क्या? | I Love Muhammad | UP
Topics mentioned in this article