14 की उम्र में माता-पिता को खोया, 10वीं के बाद छूटा स्कूल, घर-घर जाकर बेची लिपस्टिक-नेल पॉलिश आज है बॉलीवुड का मशहूर स्टार

कम उम्र में माता-पिता को खो दिया. स्कूल भी छूट गया और जिंदगी चलाने के लिए सेल्स मैन बनना पड़ा. कुछ ऐसी रही है बॉलीवुड के इस मशहूर सितारे की जिंदगी.

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इस बॉलीवुड का स्ट्रगल जानकर रह जाएंगे हैरान, आज है फेमस एक्टर
नई दिल्ली:

बॉलीवुड सितारों की जिंदगी चमक-धमक से भरपूर नजर आती है. हमें लगता है कि वह क्या शानदार जिंदगी जी रहे हैं. लेकिन इस आलीशान जिंदगी के पीछे एक लंबा संघर्ष होता है. अपने दम पर इंडस्ट्री में पहचान बनाने वाले सितारे एक लंबे संघर्ष के बाद इस मुकाम को हासिल कर पाते हैं. हम ऐसे ही सितारे की बात करने जा रहे हैं, जिसने 14 साल की उम्र में माता-पिता को खो दिया था और दसवीं के बाद उसका स्कूल भी छूट गया था. यही नहीं, जिंदगी को चलाने के लिए उसने घर-घर जाकर लिपस्टिक और नेल पॉलिश बेची. यानी उसने सेल्स मैन का काम किया. लेकिन जब उसकी जिंदगी में इतना कुछ चल रहा था, तभी उसे डांस का शौक लगा और उसने डांस सीखना शुरू कर दिया. कुछ ही दिनों में वह डांस का मास्टर बन गया और 21 साल की उम्र तक आते-आते वह डांस सिखाने लगा. यही नहीं, उसने बॉलीवुड की कई फिल्मों में कोरियोग्राफी तक में हाथ आजमा लिया.

अगर आप अभी तक नहीं समझे हैं तो हम आपको बता देते हैं कि यह कोई और नहीं 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' के सर्किट यानी अरशद वारसी हैं. अरशद वारसी बॉलीवुड के ऐसे एक्टर हैं जो अपने डांस और कॉमिक टाइमिंग की वजह से हरदिल अजीज हैं. यही नहीं, 21 साल में कोरियोग्राफी में दुनियाभर में सुर्खियां बटोरने के बाद उन्होंने अपना डांस स्टूडियो भी खोला. लेकिन 1996 में उन्हें 'तेरे मेरे सपने' फिल्म से बॉलीवुड में ब्रेक मिला.लेकिन 2003 में सर्किट के किरदार ने उनकी एक्टिंग करियर की दिशा और दशा ही बदल दी. यह कैरेक्टर खूब लोकप्रिय हुआ और हर किसी की जुबान पर चढ़ गया.

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अरशद वारसी की लोकप्रिय फिल्मों की बात करें तो इनमें मुन्नाभाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्नाभाई, गोलमाल सीरीज, धमाल, डबल धमाल, इश्किया और जॉली एलएलबी के नाम प्रमुखता से आते हैं. यही नहीं, अरशद वारसी की वेब सीरीज असुर भी फैन्स के बीच काफी पॉपुलर है. अरशद ने 1999 में एमटीवी की मशहूर होस्ट मारिया गोरेती से शादी कर ली थी और उनके दो बच्चे हैं. मारिया से अरशद की मुलाकात उनके डांसिंग स्टूडियों में ही हुई थी, जहां वे डांस सीखने आती थीं. दिलचस्प यह है कि 1991 में अरशद वारसी ने एक डांस मुकाबला जीता था, इसी ने उनकी जिंदगी को बदलकर रख दिया था. 'रूप की रानी चोरों का राजा' का टाइटल ट्रैक अरशद ने ही कोरियोग्राफ किया था. 

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