आज पूरे देश में 75वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की धूम है. आम लोगों से लेकर सेलेब्स तक सभी इस दिन को अपने-अपने अंदाज में सेलिब्रेट कर रहे हैं. हिंदी सिनेमा में भी गानों के जरिए देशभक्ति की भावना को दर्शाया जाता रहा है. लेकिन कई ऐसे रेट्रो सॉन्ग हैं, जो आजादी के संघर्ष को बयां करते हैं. इन गानों के बार में शायद ही नई पीढ़ी को पता होगा. इसी संबंध में कर्टन रेजर प्रोडक्शन लेकर आया है एक खास प्रोग्राम, जिसका नाम 'संगत-आजादी के तरानों की' (Sangat-Aazadi ke Taranon Ki) है. इस प्रोग्राम में उन भूले बिसरे और दुर्लभ गीतों के बारे में बताया गया है, जिन्होंने हमारी आजादी को नया अर्थ दिया.
'संगत-आजादी के तरानों की' (Sangat-Aazadi ke Taranon Ki) के माध्यम से नई पीढ़ी को यह बताने की कोशिश की गई है कि हमारी फिल्मी, संगीत और सांस्कृतिक विरासत क्या रही है. इस प्रोग्राम में फिल्मी और गैर फिल्मी गानों के जरिए बताया गया है कि कैसे आजादी के आंदोलन में और उसके बाद देश के निर्माण में फिल्म और संगीत की दुनिया के लोगों ने अपना सक्रिय योगदान दिया था.
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'संगत-आजादी के तरानों की' (Sangat-Aazadi ke Taranon Ki) में इन गानों के माध्यम से नई पीढ़ी को ये भी पता चलेगा कि कैसे पूरा देश एकजुट हो गया था. तब जाकर ये बेशकिमती आजादी हमें मिली है. तो आइए जानते हैं 75वां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी संगीत और सांस्कृतिक विरासत के बारे में यूनुस खान और यतींद्र मिश्रा के साथ.