हिंदी सिनेमा की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली एक्ट्रेसेज में से एक बनने से पहले मुमताज पर बी-ग्रेड एक्ट्रेस का लेबल लग गया था. 11 साल की उम्र में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाली सीनियर एक्ट्रेस ने हाल ही में उस समय को याद किया जब कोई भी उनके साथ काम नहीं करना चाहता था और कैसे दिलीप कुमार की 'राम और श्याम' में उनके किरदार के साथ उनके करियर में एक अहम मोड़ आया.
डॉन न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे बी-ग्रेड एक्टर का लेबल दिया गया क्योंकि मैंने बहुत से छोटे रोल किए थे. मैंने महबूब साहब के साथ कॉमेडी भी की. मैंने बस अपनी आंखें बंद कर लीं और काम किया. मैंने सोचा कि बाकी सब भगवान के हाथ में है. फिल्म इंडस्ट्री में मेरी शुरुआत गलत थी. मेरे साथ काम ना करने के लिए मैं हीरो को दोष नहीं दूंगी क्योंकि हर कोई सफलता की सीढ़ियां चढ़ना चाहता है. लेकिन महबूब साहब ने मेरा एक सीन दिलीप कुमार साहब को दिखाया और उनसे पूछा कि क्या वह 'राम और श्याम' में मेरे साथ काम करेंगे. उन्होंने कहा कि लड़की अच्छी है और वह राजी हो गए. दिलीप साहब बहुत ही जमीन से जुड़े इंसान थे."
जब मुमताज और दिलीप कुमार ने 'राम और श्याम' साइन की तो उनकी उम्र में काफी अंतर था. एक इंटरव्यू के दौरान मुमताज ने खुलासा किया कि फिल्म का ट्रायल शॉट देखने के बाद दिलीप कुमार ने सबसे पहले महबूब से इस बात को लेकर चिंता जताई थी. हालांकि मुमताज की अच्छी हाइट, लुक और डांसिंग टैलेंट को ध्यान में रखते हुए वो साथ काम करने के लिए राजी हो गए.
बातचीत के दौरान मुमताज ने इस बात पर सहमति जताई कि उन्होंने कभी किसी एक्टर के साथ काम करने से इनकार नहीं किया या उनके बीच भेदभाव नहीं किया. उन्होंने कहा, "मैं अपने उस समय के बारे में सोचती थी जब कोई मेरे साथ काम नहीं करना चाहता था और कोई मुझे स्वीकार नहीं करता था. इसलिए जब भगवान ने मुझे कुछ बनाया है तो मेरे लिए वही व्यवहार करना सही नहीं था जिसका सामना मुझे दूसरे लोगों के साथ करना पड़ा. इसलिए मैं सोचती था कि अगर मुझमें क्षमता है तो मैं सबके साथ काम करूंगी और अगर एक्टर अच्छा नहीं होगा तो उन्हें आगे चलकर काम नहीं मिलेगा. अच्छा होगा तो और काम मिलेगा."