पैसों के कारण 11वीं में छोड़ी पढ़ाई, एयरलाइन और होटलों में ढूंढी जॉब, मीनाक्षी शेषाद्रि के अपोजिट मिला हीरो बनने का मौका, पहचाना क्या

होटल से लेकर एयरलाइन्स तक में ये जनाब काम करने के लिए तैयार थे. लेकिन तकदीर ने उनके लिए कुछ और मंजूर कर रखा था. जो लड़का पैसों की तंगी के चलते पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सका वो बन गया बॉलीवुड का ‘हीरो’. क्या आप जानते हैं कौन है ये सुपर स्टार.

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मां के साथ दिख रहे इस स्टार को पहचाना क्या
नई दिल्ली:

ऊंचा कद, नशीली निगाहें, स्वैग ऐसा कि जो देखे वो फिदा हो जाए. ऐसा स्टाइलिश और बांका नौजवान सामने हो तो भला कौन उसे मॉडल बनाने से ऐतराज कर सकता है. लेकिन इस हीरो के लिए ये इतना आसान नहीं था. फिल्मी पर्दे तक पहुंचने के लिए इस स्टार को जम कर पापड़ बेलने पड़े. पढाई लिखाई पूरी नहीं हो सकी तो नौकरी भी मिलना मुश्किल हो रहा था. होटल से लेकर एयरलाइन्स तक में ये जनाब काम करने के लिए तैयार थे. लेकिन तकदीर ने उनके लिए कुछ और मंजूर कर रखा था. जो लड़का पैसों की तंगी के चलते पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सका वो बन गया बॉलीवुड का ‘हीरो'. क्या आप जानते हैं कौन है ये सुपर स्टार.

बस स्टैंड पर खुली तकदीर

ये हीरो कोई और नहीं जैकी श्रॉफ हैं. जिनकी दमदार प्रेसेंज किसी भी फिल्म या वेब सीरीज को खास बना देती है. शौहरत के इस मुकाम तक पहुंचने से पहले जैकी श्रॉफ ने खूब धक्के खाए हैं. जैकी श्रॉफ का बचपन पैसे की तंगी देखते हुए गुजरा. जिसके चलते जैकी श्रॉफ को 11वीं में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी. पैसे कमाने के लिए जैकी श्रॉफ ने होटल ताज में बतौर अप्रेंटिस शेफ होटल ताज में काम किया और एयर इंडिया में फ्लाइट अटेंडेंट भी बने. लेकिन डिग्री की कमी के चलते उन्हें सब जगह से बाहर कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने एक ट्रेवल एजेंट का काम शुरू किया. इसी दौरान बस स्टैंड पर उन्हें एडवरटाइजिंग एंजेंसी के अकाउंटेंट ने देखा और मॉडलिंग का ऑफर दे दिया. बस यहीं से जैकी श्रॉफ की दुनिया बदलनी शुरू हो गई.

‘हीरो' से बनी पहचान

मॉडलिंग करते हुए जैकी श्रॉफ को पहली बार बड़े पर्दे पर आने का मौका देवानंद की फिल्म स्वामी दादा से मिला. इस फिल्म में सुभाष घई ने उन्हें नोटिस किया और हीरो फिल्म से उन्हें बतौर हीरो लॉन्च कर दिया. हीरो फिल्म में जैकी श्रॉफ की हीरोइन थीं मीनाक्षी शेषाद्री. इस म्यूजिकल लव स्टोरी ने बड़े पर्दे पर कामयाबी के जबरदस्त झंडे गाड़े. इसके बाद जैकी श्रॉफ ने भी कभी पलटकर नहीं देखा. वो लगातार कामयाब होते चले गए. पहला ब्रेक देने वाले सुभाष घई को भी जैकी श्रॉफ कभी नहीं भूले. उनकी हर फिल्म करने के लिए वो बिना शर्त तैयार रहे.

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