साल 1950 और 1960 के दशक की दिग्गज अभिनेत्रियों में से एक मीना कुमारी की कई फिल्में आज भी सदाबहार है. वहीं अगर आपको लगता है कि हर अभिनेत्री की जिंदगी खुशनुमा होती है, तो ऐसा नहीं है. आज हम मीना कुमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के बावजूद उनकी जिंदगी में सब कुछ ठीक नहीं रहा. जहां वह अपने दौर की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्री थीं, वहीं उन्हें जीवन के आखिरी दिनों में आर्थिक तंगी का सामना किया और उन्हें 'ट्रेजेडी क्वीन' कहा गया.
यह बात सभी जानते हैं कि मीना एक बार पहले से शादीशुदा कमाल अमरोही से प्यार करने लगी थीं और अपनी शादीशुदा जिंदगी में घरेलू हिंसा का शिकार हो गई थीं. इस तरह, 1968 में उनका तलाक हो गया.
इसके बाद, मीना लंबे समय तक डिप्रेशन में रहीं और शराबी व्यवहार की शिकार हो गईं, जिसके चलते उनकी सेहत बिगड़ती चली गई. इसके बाद उन्हें लिवर सिरोसिस का पता चला और काफी समय तक कोमा में रहने के बाद, 31 मार्च, 1972 को महज 38 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया से अलविदा कह दिया.
मीना कुमारी का परिवार उनके शव को छोड़ने के लिए 3500 रुपये नहीं दे पाया था
कमाल अमरोही द्वारा निर्देशित उनकी आखिरी फिल्म 'पाकीजा' की रिलीज के एक महीने बाद ही मीना कुमारी का निधन हो गया था. हालांकि, अपनी असामयिक मृत्यु से पहले आखिरी दिनों में अभिनेत्री को भारी आर्थिक संघर्ष का सामना करना पड़ा. इतना कि उनका परिवार उनके अस्पताल में भर्ती होने का खर्च भी नहीं उठा सका. साल 2014 में 'Rediff' के साथ एक पुराने इंटरव्यू में, मशहूर निर्देशक बिमल रॉय की बेटी रिंकी रॉय भट्टाचार्य ने खुलासा किया कि मीना कुमारी का परिवार भी अपनी अस्थिर वित्तीय स्थिति के कारण उनके शव को छोड़ने के लिए 3500 रुपए का भुगतान करने में असमर्थ था.
एक फिजिशियन ने छुड़ाया मीना कुमारी का शव
मीना कुमारी का शव आखिरकार एक फिजिशियन की मदद से बाहर निकाला गया. दरअसल अस्पताल के अंदर जो फिजिशियन था, वह मीना कुमारी का बहुत बड़ा फैन था. ऐसे में उन्होंने परिवार को मीना का शव दिलाने के लिए 3500 रुपए का भुगतान किया था.