फिल्म इंडस्ट्री में अपने शुरुआती दौर में इस तरह के भेदभाव का शिकार हो चुकी हैं कृति सेनन!

एनडीटीवी से खास बातचीत में कृति सेनन ने फिल्म जगत में महसूस की गई जेंडर इनइक्वलिटी पर बात की.

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कृति सेनन को मिली नई जिम्मेदारी
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नई दिल्ली:

मुंबई में सोमवार को अभिनेत्री कृति सेनन को यूएनएफपीए (UNFPA) द्वारा जेंडर इक्वलिटी के लिए भारत का ऑनरेरी एम्बेसडर घोषित किया गया, जहां कृति समाज में जेंडर इक्वलिटी यानी लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास करेंगी. एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने फिल्म जगत में महसूस की गई जेंडर इनइक्वलिटी पर बात की. उन्होंने इस पर कहते हुए कहा, “जाहिर है जब आप इंडस्ट्री में आते हैं या किसी भी तरह के वर्कस्पेस में जाते हैं, तो छोटी-छोटी बातें आपको कभी-कभी महसूस होती हैं… खुशकिस्मती से मेरे साथ ऐसा बहुत बार नहीं हुआ है. शायद एक-दो बार, जब मुझे लगा कि मेल ऐक्टर की कार बेहतर है या उसका कमरा थोड़ा बेहतर है…

आपको यूं ही छोटा महसूस नहीं होना चाहिए. फर्क नहीं पड़ता कि आपको कैसी कार मिलती है, बस बराबर होनी चाहिए. मुझे सिर्फ इसलिए छोटा मत महसूस कराइए क्योंकि मैं एक औरत हूं. मुझे लगता है कि इन छोटी-छोटी बातों के लिए खड़ा होना जरूरी है. अब लोग और प्रोड्यूसर्स इन बातों के बारे में सोचते हैं, शायद पहले नहीं सोचते थे और हर किसी को अपने लिए खड़ा होना चाहिए और अपनी अहमियत समझनी चाहिए.

ये छोटी बातें नहीं हैं, क्योंकि ये जानबूझकर होती हैं. यहां तक कि सबसे छोटी बात, जैसे कभी-कभी सेट पर बुलाने का टाइम एडीज (सहायक निर्देशक) की आदत होती है कि पहले फीमेल ऐक्टर को बुलाते हैं और फिर मेल ऐक्टर को. नहीं, अगर वो सेट पर आता है तो मैं पहले से यहां क्यों रहूं? कभी-कभी गर्ल एडीज भी ऐसा करती हैं.
तो मुझे उन्हें कहना पड़ता है कि देखो, तुम ये कर रही हो, क्यों? मत करो. मैं तब चलूंगी जब आप सब तैयार होंगे. हां, सोच बदलनी होगी. बदलनी ही होगी.”

कृति सेनन अभिनेत्री के अलावा निर्माता भी हैं और उन्होंने इसी विषय के इर्द-गिर्द घूमती एक फिल्म का भी निर्माण किया था, जिसका नाम दो पत्ती है. इसमें कृति ने बतौर अभिनेत्री काम भी किया था और वह डबल रोल में थीं.

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